35 साल पुराने इंटरव्यू में सुनील गावस्कर ने सचिन तेंदुलकर को चुनौती दी थी कि अगर तुम 15,000 रन और 40 शतक नहीं बनाते तो मैं तुम्हारा गला घोंट दूंगा। सचिन ने अपनी काबिलियत से यह रिकॉर्ड तोड़ते हुए क्रिकेट इतिहास रच दिया। कई सालों बाद अब उनका वीडियो वायरल हो रहा है।

सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर (Img: Internet)
New Delhi: करीब 35 साल पहले, 1990 में महान भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने एक इंटरव्यू के दौरान युवा सचिन तेंदुलकर से मज़ाकिया लेकिन चुनौती भरे अंदाज़ में कुछ ऐसा कहा था, जो आज सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रहा है। उस वक्त सचिन ने भारत के लिए खेलना अभी शुरू ही किया था और उनके नाम सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय शतक दर्ज था। बातचीत के दौरान गावस्कर ने कहा था, “अगर तुम 15,000 रन और 40 शतक नहीं बनाते हो, तो मैं तुम्हें अपने हाथों से गला घोंट दूंगा।” यह बयान कोई धमकी नहीं, बल्कि एक दिग्गज की उम्मीदों और विश्वास का प्रतीक था।
उस इंटरव्यू में सचिन तेंदुलकर चुपचाप और ध्यान से गावस्कर की बातें सुनते नजर आ रहे थे। तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह शांत सा दिखने वाला बल्लेबाज आगे चलकर क्रिकेट के इतिहास को ही नई परिभाषा दे देगा। गावस्कर की कही बात उस समय बड़ी जरूर थी, लेकिन सचिन ने आगे चलकर उसे बहुत पीछे छोड़ दिया।
जब सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से संन्यास लिया, तब उनके नाम तीनों फॉर्मेट मिलाकर कुल 34,357 रन दर्ज थे। खास बात यह रही कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाए, जो आज भी एक अटूट रिकॉर्ड माना जाता है। यह ऐसा आंकड़ा है, जिसे छूना तो दूर, किसी भी बल्लेबाज के लिए उसकी कल्पना करना भी बेहद मुश्किल है।
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टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड फिलहाल पूरी तरह सुरक्षित नजर आता है। एक समय तक माना जाता था कि विराट कोहली शायद सचिन के टेस्ट रिकॉर्ड को चुनौती दे सकते हैं, लेकिन कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यह बहस भी खत्म हो गई। सचिन ने भारत के लिए 200 टेस्ट मैच खेले और 53.78 की शानदार औसत से 15,921 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 51 शतक और 68 अर्धशतक लगाए, जो उन्हें टेस्ट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में शामिल करता है।
टेस्ट के अलावा, वनडे क्रिकेट में भी सचिन तेंदुलकर का कोई सानी नहीं है। उन्होंने भारत के लिए 463 वनडे मैच खेले और 44.83 की औसत से 18,426 रन बनाए। वनडे इंटरनेशनल में उनके नाम 49 शतक और 96 अर्धशतक दर्ज हैं। टेस्ट और वनडे, दोनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होने का गौरव भी सचिन के पास ही है।
सचिन के आंकड़े इसलिए भी खास माने जाते हैं क्योंकि उन्होंने ये सभी उपलब्धियां उस दौर में हासिल कीं, जब आधुनिक सुविधाएं सीमित थीं और गेंदबाजों का दबदबा ज्यादा रहता था। यही वजह है कि क्रिकेट प्रेमी आज भी सचिन तेंदुलकर को सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि “क्रिकेट का भगवान” मानते हैं।