ऋषभ पंत ने विजय हज़ारे ट्रॉफी में संयमित और धैर्यपूर्ण बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया। उन्होंने बड़े शॉट्स की बजाय सिंगल और डबल पर भरोसा किया, क्रीज़ पर टिककर टीम को मजबूत स्थिति में रखा और अपना खोया आत्मविश्वास वापस हासिल करने की कोशिश की।

T20 और वनडे टीम से बाहर होने के बाद ऋषभ पंत के पास अब केवल टेस्ट टीम बची है। लेकिन वह व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में वापसी करना चाहते हैं। इसी मकसद से उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफी में गुजरात के खिलाफ नई रणनीति के साथ बल्लेबाज़ी की। (Img-X)
शुक्रवार को एलीट ग्रुप डी के मैच में पंत ने 79 गेंदों पर 70 रन बनाए। उनकी बल्लेबाज़ी का अंदाज़ साफ दिखा कि उनका मकसद क्रीज़ पर टिककर रन बनाना और खोया हुआ आत्मविश्वास वापस पाना था। (Img-X)
विराट कोहली (61 गेंदों पर 77 रन) और पंत दोनों का खेल उनके स्वाभाविक अंदाज़ से अलग दिखा। कोहली ने आक्रामक बल्लेबाज़ी की, जबकि पंत ने बड़े शॉट की बजाय सिंगल और डबल लेना पसंद किया। (Img-X)
बाएं हाथ के स्पिनर विशाल जायसवाल ने कोहली की पारी का अंत किया और उन्हें लगातार दूसरा शतक पूरा करने से रोका। इससे पहले जायसवाल ने नीतीश राणा (12) और अर्पित राणा (10) को भी आउट किया। (Img-X)
कोहली के आउट होने के बाद टीम का स्कोर चार विकेट पर 108 रन था। पंत ने जोखिम रहित बल्लेबाज़ी करते हुए 64 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने हर्ष त्यागी (40) के साथ 73 रन की साझेदारी कर पारी संभाली। (Img-X)
पंत और हर्ष त्यागी की साझेदारी ने दिल्ली की पारी को संभाला। पंत ने संयमित अंदाज़ में खेलते हुए टीम को मजबूत स्थिति में रखा। उन्होंने गेंदबाजों को अच्छे से टाइम दिया और रन बनाकर क्रीज़ पर टिके रहे। पंत की यह पारी दिल्ली के लिए 250 के पार स्कोर बनाने में अहम रही। (Img-X)
ऋषभ पंत की कप्तानी और क्रीज़ पर टिकने की रणनीति ने गुजरात की गेंदबाजी को चुनौती दी। उन्होंने विकेट गंवाने के बाद भी धैर्य नहीं खोया और महत्वपूर्ण समय तक टीम को बैकअप दिया। पंत की बल्लेबाज़ी ने विपक्षी टीम की योजना को बिगाड़ा और दिल्ली को मैच में बनाए रखा। (Img-X)