New Delhi: भारत की महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम दर्ज करा दिया। टीम इंडिया ने महिला वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार खिताब जीत लिया। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट की नई पहचान बन गई।
भारत की बेटियां अब दुनिया की रानी
भारतीय महिला टीम ने रचा इतिहास, पहली बार बनी वनडे विश्व कप चैंपियन, दक्षिण अफ्रीका को हराकर जीता “महिला वनडे विश्व कप 2025”@BCCIWomen | #WomenInBlue | #CWC25 | #Final | #INDvSA pic.twitter.com/2aSutkisth
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 2, 2025
भारतीय बल्लेबाजों ने रखा मजबूत स्कोर
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट पर 298 रन बनाए। भारतीय बल्लेबाजों ने संयम और आक्रामकता का बेहतरीन मिश्रण दिखाया। ओपनरों ने टीम को सधी हुई शुरुआत दी, जबकि मध्यक्रम ने रन गति को बनाए रखा। टीम की ओर से कप्तान स्मृति मंधाना और जेमिमा रॉड्रिग्स ने शानदार अर्धशतक लगाए, वहीं अंत में हरमनप्रीत कौर की तेजतर्रार पारी ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
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दीप्ति शर्मा बनीं मैच की नायिका
लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम की शुरुआत अच्छी रही। कप्तान एल वोल्वार्ट ने शानदार शतक (101 रन) बनाकर भारत को दबाव में डाल दिया था। लेकिन फिर मैदान पर आईं दीप्ति शर्मा, जिन्होंने मैच का पूरा रुख बदल दिया। दीप्ति ने अपने स्पिन और सटीक लाइन-लेंथ से दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को बांध दिया। उन्होंने 4 विकेट झटके और विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी। अंततः दक्षिण अफ्रीकी टीम 246 रन पर ऑलआउट हो गई।
जीत के साथ टूटा 48 साल का इंतजार
इस जीत के साथ भारत ने महिला वनडे विश्व कप के इतिहास में पहली बार खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले भारत दो बार फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन खिताब से दूर रह गया था। आज की जीत ने उस अधूरे सपने को पूरा कर दिया।
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जश्न में डूबी भारतीय टीम
जैसे ही आखिरी विकेट गिरा, भारतीय खिलाड़ियों और दर्शकों में जश्न की लहर दौड़ गई। मैदान पर तिरंगे के साथ जीत का जश्न मनाते हुए खिलाड़ी भावुक भी नजर आईं। कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा, “यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के सपने की पूर्ति है। हमारी पूरी टीम ने इस पल के लिए दिन-रात मेहनत की है।”
इतिहास में दर्ज हो गया यह दिन
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गई है। यह जीत साबित करती है कि भारतीय महिला क्रिकेट अब केवल सहभागिता नहीं, बल्कि वर्चस्व की दौड़ में सबसे आगे है।

