नई दिल्ली: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दर्दनाक हादसे ने देश को हिला कर रख दिया। इस भीषण दुर्घटना में 265 से अधिक यात्रियों की जान चली गई। हादसे की भयावहता और विमानन सुरक्षा में संभावित चूक को देखते हुए अब DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने सख्त रुख अपनाया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, DGCA ने एयर इंडिया के बेड़े में शामिल सभी Boeing 787 ड्रीमलाइनर विमानों की गहन तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं। यह सेफ्टी ऑडिट 15 जून से शुरू किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से 787-8 और 787-9 मॉडल के विमानों की फ्यूल, इंजन, हाइड्रोलिक और एयर सिस्टम की जांच की जाएगी। DGCA ने स्पष्ट किया है कि सभी रिपोर्टें सीधे नियामक को सौंपी जाएंगी और कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
किन तकनीकी हिस्सों की होगी जांच?
DGCA के निर्देश के अनुसार, जांच का दायरा व्यापक होगा। इसमें शामिल हैं:
- फ्यूल पैरामीटर मॉनिटरिंग सिस्टम की बारीकी से समीक्षा
- कैबिन एयर कंप्रेसर और उससे जुड़ी संरचनाओं की टेस्टिंग
- इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम का विस्तृत परीक्षण
- इंजन ऑयल और फ्यूल सिस्टम का रियल टाइम ऑपरेशनल टेस्ट
- टेक-ऑफ से जुड़े सभी सुरक्षा मानकों की समीक्षा
- पावर एश्योरेंस चेक और फ्लाइट कंट्रोल इंस्पेक्शन की नई प्रक्रिया
लगातार सामने आ रहे थे तकनीकी फॉल्ट
DGCA ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले 15 दिनों में बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों में लगातार तकनीकी खराबियां रिपोर्ट हुई थीं। इन रिपीटेटिव फॉल्ट्स को भी जांच का हिस्सा बनाया गया है और सभी एयरलाइनों को निर्देश दिए गए हैं कि हर तकनीकी समस्या का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
क्या बोइंग 787 पर मंडरा रहा है भरोसे का संकट?
12 जून की दुर्घटना 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास की सबसे गंभीर घटना मानी जा रही है। 2024 में एक बोइंग इंजीनियर ने इस विमान के ढांचे को लेकर गंभीर चेतावनी दी थी। हालांकि, एयर इंडिया हादसे से उस रिपोर्ट का सीधा संबंध अभी तक साबित नहीं हो पाया है, लेकिन संदेह की परछाई गहरा गई है।
बोइंग का जवाब
इस पूरे मामले में बोइंग कंपनी ने कहा है कि वह एयर इंडिया के साथ मिलकर हादसे की जांच में सहयोग कर रही है और जरूरत के अनुसार हर तरह की सहायता उपलब्ध कराएगी।