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Bhilwara News: गुरूद्वारा खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन, प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

समाज के लोग पिछले पचास वर्षों से इस गुरूद्वारा में आराधना, गुरवाणी व संगत करते आ रहे हैं। परंतु कुछ समय से शाहपुरा के एक मात्र सिख परिवार द्वारा गुरूद्वारा परिसर पर ताला लगाकर वहां आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
Post Published By: Subhash Raturi
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Bhilwara News: गुरूद्वारा खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन, प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

Bhilwara: जिले के शाहपुरा नगर के त्रिमूर्ति स्मारक स्थल पर स्थित शहर के एकमात्र गुरूद्वारा को आम जनता के लिए खोलने और वहां धार्मिक सेवा-उपासना की अनुमति देने की मांग को लेकर सोमवार को शाहपुरा सिंधी समाज की ओर से जोरदार प्रदर्शन किया गया। समाज के सैंकड़ों महिला-पुरुष और बच्चे हाथों में तख्तियां लेकर गुरूद्वारा के बाहर एकत्र हुए और प्रशासन से शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की।

बाद में प्रतिनिधिमंडल ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर गुरूद्वारा के ताले खुलवाने और वहां धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने की अपील की। ज्ञापन में बताया गया कि सिंधी समाज के नागरिकों की श्रद्धा गुरूद्वारा साहिब और श्री गुरूग्रंथ साहिब में रही है।

समाज के लोग पिछले पचास वर्षों से इस गुरूद्वारा में आराधना, गुरवाणी व संगत करते आ रहे हैं। परंतु कुछ समय से शाहपुरा के एक मात्र सिख परिवार द्वारा गुरूद्वारा परिसर पर ताला लगाकर वहां आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है। इससे सिंधी समाज के श्रद्धालु वहां जाकर उपासना करने से वंचित हो रहे हैं।

समाज की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि नगर पालिका शाहपुरा ने यह भूमि विशेष रूप से गुरूद्वारा निर्माण हेतु आवंटित की थी। इस भूमि का पट्टा भी “गुरूद्वारा शाहपुरा” के नाम से ही जारी किया गया था, जिससे यह सार्वजनिक धार्मिक स्थल घोषित है। बावजूद इसके, सिख परिवार द्वारा निजी संपत्ति होने का बोर्ड लगाकर इस धार्मिक स्थल को अपने कब्जे में लेना गलत है और यह कदम श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। ज्ञापन में इस कृत्य को ‘गंभीर धार्मिक अतिक्रमण’ बताया गया है।

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समाज ने प्रशासन से की मांग

सिंधी समाज ने प्रशासन से मांग की कि इस धार्मिक स्थल को अविलंब आम जनता के लिए खोला जाए ताकि श्रद्धालु फिर से वहां सेवा, उपासना और गुरवाणी का पाठ कर सकें। ज्ञापन में कहा गया कि यदि प्रशासन ने समय पर इस विवाद का समाधान नहीं किया तो समाज को विवश होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

समाज ने प्रशासन और नगर पालिका से यह भी आग्रह किया कि गुरूद्वारा की भूमि और संपत्ति की स्थिति का राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर सत्यापन करवाया जाए और वहां की दीवार पर लगे “निजी संपत्ति” वाले बोर्ड को तुरंत हटवाया जाए।

प्रदर्शन स्थल पर भारी भीड़

इस मौके पर प्रदर्शन स्थल पर भारी भीड़ देखने को मिली। महिलाओं ने भजन-कीर्तन कर शांति से अपनी मांग रखी, जबकि युवाओं ने “गुरूद्वारा खोलो” और “धार्मिक स्थलों पर कब्जा बंद करो” जैसे नारे लगाए। पूरे प्रदर्शन के दौरान माहौल शांतिपूर्ण रहा, लेकिन श्रद्धालुओं के चेहरे पर नाराजगी साफ झलक रही थी।

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कार्यक्रम के दौरान सिंधी पंचायत के अध्यक्ष मोहनलाल लखपतानी ने कहा कि यह गुरूद्वारा पूरे नगर के लिए आस्था का केंद्र है। इसे किसी एक परिवार की निजी संपत्ति घोषित करना धार्मिक अधिकारों का हनन है। सचिव ओम सिंधी ने कहा कि समाज प्रशासन से शांति पूर्ण समाधान चाहता है, परंतु अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा।

इस अवसर पर समाज के वरिष्ठजन लीलाराम वासवानी, हरिश मतलानी, ईश्वरदास लछवानी, गोविंद वासवानी, चेतन चंचलानी, नारायणदास, परशुराम सामतानी, राजकुमार वासवानी सहित नगर के अनेक गणमान्य नागरिक, महिला मंडल और युवा संगठन के सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि गुरूद्वारा को सार्वजनिक श्रद्धास्थल के रूप में आम जनता के लिए शीघ्र खोला जाए ताकि धार्मिक सौहार्द और आपसी भाईचारा कायम रह सके।

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