Site icon Hindi Dynamite News

चंदौली जिले में ये कैसी आफत, बह गई किसानों की उम्मीदें; गांवों में मचा कोहराम

जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील अंतर्गत गोधना गांव के पास शनिवार की सुबह अचानक गंगा नहर का तटबंध टूट गया, जिससे गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। देखते ही देखते दर्जनों गांवों के खेत पानी में डूब गए और कई घरों तक नहर का पानी पहुंच गया।
Post Published By: Poonam Rajput
Published:
चंदौली जिले में ये कैसी आफत, बह गई किसानों की उम्मीदें; गांवों में मचा कोहराम

Chandauli: जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील अंतर्गत गोधना गांव के पास शनिवार की सुबह अचानक गंगा नहर का तटबंध टूट गया, जिससे गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। देखते ही देखते दर्जनों गांवों के खेत पानी में डूब गए और कई घरों तक नहर का पानी पहुंच गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, नहर का किनारा पहले से ही कमजोर था, जिसकी कई बार शिकायत की गई थी लेकिन सिंचाई विभाग ने नजरअंदाजी की। जैसे ही पानी का बहाव तेज़ हुआ, किनारा टूट गया और तेज़ी से बस्तियों की ओर फैल गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना की जानकारी मिलते ही डीएसपी सहित जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, और हालात पर काबू पाने की कोशिशें शुरू हो गईं। इस दौरान मुगलसराय के भाजपा विधायक रमेश जायसवाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और अधिकारियों से बात कर स्थिति का जायजा लिया।

आक्रोशित ग्रामीणों और किसानों ने सिंचाई विभाग पर गंभीर आरोप लगाए, और कहा कि समय रहते अगर नहर की मरम्मत की गई होती तो यह हादसा नहीं होता। नाराज़ ग्रामीणों ने चकिया-मुगलसराय मार्ग को कुछ देर के लिए जाम कर दिया, जिससे यातायात प्रभावित रहा।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए NHAI की टीम भी मौके पर पहुंची क्योंकि नहर का पानी हाईवे 19 के किनारे तक पहुंच चुका था। कई गांवों में घरों में पानी घुसने से लोग परेशान हो गए, सामान निकालने तक का समय नहीं मिल पाया। गांवों में अफरा-तफरी मच गई।

प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मिर्जापुर स्थित नारायणपुर पंप कैनाल को बंद करा दिया, जिससे गंगा नहर में पानी का बहाव कुछ हद तक कम हुआ है। जिला प्रशासन की ओर से त्वरित रूप से नहर के टूटे तटबंध की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है।

दोनों किनारों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है ताकि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश न कर सके। मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लगातार मोर्चा संभाल रखा है।

यह घटना सिर्फ एक नहर टूटने की नहीं, बल्कि सिस्टम की उस दरार की भी कहानी है जो वक्त पर न देखी जाए तो पूरा गांव डुबो सकती है। फिलहाल, प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा।

Exit mobile version