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महाराजगंज के प्रदीप उर्फ जुगनू की बेंगलुरु में दर्दनाक मौत, परिवार गहरे संकट में

महाराजगंज जिले के धानी बाजार क्षेत्र के कानापार गांव निवासी प्रदीप उर्फ जुगनू की बेंगलुरु में एक दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। गुरुवार को एक भवन में पेंटिंग का काम करते हुए अचानक असंतुलित होकर वह नीचे गिर पड़ा। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
Post Published By: Poonam Rajput
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महाराजगंज के प्रदीप उर्फ जुगनू की बेंगलुरु में दर्दनाक मौत, परिवार गहरे संकट में

Maharajganj: महाराजगंज जिले के धानी बाजार क्षेत्र के कानापार गांव निवासी प्रदीप उर्फ जुगनू की बेंगलुरु में एक दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। गुरुवार को एक भवन में पेंटिंग का काम करते हुए अचानक असंतुलित होकर वह नीचे गिर पड़ा। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, प्रदीप कई वर्षों से बेंगलुरु में पेंट-पॉलिश का काम कर रहा था और वहीं से अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। वह मेहनती, मिलनसार और जिम्मेदार युवक था, जिसकी अच्छी पहचान न केवल अपने गांव में, बल्कि बेंगलुरु में भी बनी हुई थी। उसकी अचानक और असमय मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

परिजनों ने बताया कि प्रदीप परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उसकी पत्नी सुधा, बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता पूरी तरह से उसकी जिम्मेदारी पर थे। अब उसकी मौत से परिवार एक गहरे आर्थिक और मानसिक संकट में फंस गया है। पत्नी सुधा का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। हर तरफ आंखें नम हैं और लोग दुख प्रकट कर रहे हैं।

प्रदीप का पार्थिव शरीर शनिवार को कानापार गांव पहुंचने की संभावना है। अंतिम संस्कार की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। परिवार के सदस्यों के साथ-साथ सैकड़ों ग्रामीण और शुभचिंतक उनके घर पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट कर रहे हैं। गांव में प्रदीप की याद में शांति और सद्भाव की प्रार्थनाएं की जा रही हैं।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को अविलंब आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि इस दुख की घड़ी में परिजन थोड़ी राहत महसूस कर सकें। वे कहते हैं कि परिवार अब पूरी तरह से बेसहारा हो गया है और उन्हें समाज की मदद की सख्त जरूरत है।

गांव के लोग भी अपने स्तर पर मदद के लिए आगे आ रहे हैं और प्रदीप के परिवार के लिए सहयोग राशि जुटाने की योजना बना रहे हैं। कई सामाजिक संगठन भी इस मामले में मदद का आश्वासन दे चुके हैं।

इस दुखद घटना ने ग्रामीणों को इस बात पर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि दूर-दराज के शहरों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा और उनके हालातों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। यह घटना चेतावनी भी है कि काम के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन कितना आवश्यक है, ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।

प्रदीप की मौत से परिवार, गांव और पूरे क्षेत्र को बड़ा झटका लगा है। लोगों का कहना है कि वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस मुश्किल वक्त में सहनशीलता और हिम्मत मिले।

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