

एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन आज दोपहर विपक्षी नेताओं की बैठक में अपने साझा उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला कर सकता है। जानिए रेस में शामिल संभावित नाम और चुनाव की रणनीति।
सीपी राधाकृष्णन (Source: Google)
New Delhi: भारत के आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है। नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) ने अपने उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान कर दिया है। वहीं विपक्षी इंडिया गठबंधन की ओर से अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार आज दोपहर तक नाम घोषित किया जा सकता है।
इंडिया गठबंधन की बैठक आज
इंडिया ब्लॉक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, आज दोपहर 12:30 बजे विपक्षी दलों की अहम बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर आयोजित की गई है। इस बैठक में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहेंगे और संभावित उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
ये नाम हैं विपक्षी उम्मीदवार की रेस में
इंडिया गठबंधन में फिलहाल तीन प्रमुख नामों पर चर्चा हो रही है, जो इस चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वैचारिक और सामाजिक लड़ाई का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं:
मैलस्वामी अन्नादुरई – पूर्व इसरो वैज्ञानिक, जिन्होंने चंद्रयान-1 मिशन का नेतृत्व किया था। उनकी छवि एक वैज्ञानिक और शिक्षाविद के रूप में है।
तिरुचि सिवा – डीएमके के वरिष्ठ सांसद, तमिलनाडु से आते हैं और विपक्ष के अनुभवी चेहरे माने जाते हैं।
तुषार गांधी – महात्मा गांधी के परपोते और सामाजिक कार्यकर्ता, जिनका नाम वैचारिक संघर्ष को प्रतीकात्मक रूप देने के लिए उभरा है।
इसके अलावा महाराष्ट्र से एक दलित बुद्धिजीवी को भी संभावित उम्मीदवार के रूप में लेकर विचार किया जा रहा है ताकि सामाजिक समावेशिता का संदेश भी दिया जा सके।
एनडीए की तैयारी और समर्थन
सीपी राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, एक अनुभवी राजनेता और बीजेपी के पुराने सदस्य हैं। सोमवार को वह दिल्ली पहुंचे जहां बीजेपी नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसे चुनावी रणनीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, राधाकृष्णन का नाम चुना जाना दक्षिण भारत को साधने की रणनीति का हिस्सा भी है, जहां बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
राजनीतिक समीकरण क्या कहते हैं?
लोकसभा और राज्यसभा में संख्याबल के आधार पर एनडीए की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन इंडिया गठबंधन इस चुनाव को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के नाम पर एक नैतिक संघर्ष के रूप में पेश करना चाहता है। यही कारण है कि विपक्षी दल अपने उम्मीदवार के चयन को सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि सामाजिक और वैचारिक संदेश के रूप में देख रहे हैं।