केंदुआडीह कोलियरी में गैस उत्सर्जन के बाद बीसीसीएल द्वारा तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। प्रभावित परिवारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास पर जोर दिया जा रहा है। 24×7 वैज्ञानिक निगरानी, फॉगिंग और वाटर स्प्रे के माध्यम से गैस नियंत्रण, साथ ही JRDA के सहयोग से पुनर्वास योजनाओं का कार्य निरंतर जारी है।

बीसीसीएल के मानव संसाधन निदेशक मुरली कृष्णा रमैया
Dhanbad: केंदुआडीह कोलियरी (पीबी क्षेत्र) के राजपूत बस्ती में 3 दिसंबर 2025 को हुई गैस उत्सर्जन की घटना के बाद बीसीसीएल ने उच्च स्तर की सतर्कता और राहत संचालन शुरू कर दिया है। लंबे समय से ज्ञात भूतापीय आग और धंसान क्षेत्रों में अचानक हुए इस उत्सर्जन ने स्थानीय निवासियों में चिंता पैदा कर दी। घटना के तुरंत बाद बीसीसीएल की राहत, बचाव और तकनीकी टीमों ने सभी प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई प्रारंभ की।
प्रारंभिक तकनीकी मूल्यांकन में यह पाया गया कि परित्यक्त भूमिगत सुरंगों में फंसी अवशिष्ट गैसें धंसान मार्गों और सतही दरारों से बाहर निकलीं। माइन रेस्क्यू स्टेशन (एमआरएस) की टीमों ने कई घरों में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर अधिक पाया, जिसके बाद प्रभावित परिवारों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया।
बीसीसीएल और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रही हैं। एमआरएस धनसार की दो टीमें स्थायी रूप से क्षेत्र में तैनात हैं। मोबाइल फॉगिंग, वाटर स्प्रे और अन्य तकनीकी उपायों से गैस फैलाव पर नियंत्रण किया जा रहा है। बीसीसीएल मुख्यालय और स्थल पर 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय हैं, जहां से समन्वय और निगरानी की जा रही है।
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साथ ही, दीर्घकालिक पुनर्वास पर भी जोर दिया जा रहा है। सीएमडी ने बताया कि बेलगड़िया मौजा की 378.39 एकड़ भूमि JRDA को लीज पर हस्तांतरित कर दी गई है। इससे बेलगड़िया में बने आवासों के 99 वर्षों के अधिकार की प्रक्रिया पूरी हो गई है। झरिया पुनर्वास योजना के अंतर्गत विस्थापित परिवारों को लगभग 800 वर्गफुट के पक्के आवास दिए जा रहे हैं, जिनमें पानी, बिजली, सड़क, सामुदायिक भवन, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाएं और पशुओं के लिए केटल शेड जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।
रिहायशी टाउनशिप में सभी आवश्यक नागरिक सुविधाओं का विकास तेज गति से किया जा रहा है ताकि प्रभावित परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। बीसीसीएल राहत कार्यों को वैज्ञानिक निगरानी और दीर्घकालिक पुनर्वास प्रयासों के साथ जोड़कर समन्वित रूप से आगे बढ़ा रहा है। कंपनी जिला प्रशासन, JRDA और वैज्ञानिक संस्थानों के साथ मिलकर इस संवेदनशील स्थिति का समाधान सुनिश्चित कर रही है।
आज सुबह निदेशक (मानव संसाधन) मुरली कृष्णा रमैया ने प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, स्वच्छता और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी तत्काल आवश्यकताओं का आकलन किया। इसके साथ ही उन्होंने राहत कार्यों में लगी टीमों को सुधारात्मक निर्देश भी दिए।
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देर रात सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल ने भी क्षेत्र का निरीक्षण किया और राहत, निगरानी एवं पुनर्वास कार्यों को और मजबूत करने के निर्देश दिए। बीसीसीएल ने पुनः स्पष्ट किया कि वैज्ञानिक निगरानी, चिकित्सा तैयारी, राहत संचालन और पुनर्वास गतिविधियां तब तक जारी रहेंगी जब तक क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित न हो और सभी प्रभावित परिवार अपने नए आवासों में स्थिर और सम्मानजनक जीवन न जीने लगें।
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