

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को वैश्विक कूटनीति में नया स्थान दिलाया है। विश्व नेता उन्हें एक निर्णायक और स्थिर नेतृत्वकर्ता के रूप में देखते हैं। उनकी नीतियां भारत को वैश्विक एजेंडा-सेटर बना रही हैं।
नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद की कहानी
New Delhi: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वैश्विक कद बीते एक दशक में जिस तरह से बढ़ा है, उसने उन्हें न सिर्फ भारत के भीतर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी एक प्रभावशाली वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया है। चाहे अमेरिका के राष्ट्रपति हों, फ्रांस के राष्ट्रपति, रूस के राष्ट्रपति या फिर जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों की बात करें लगभग सभी विश्व नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की है।
मोदी की विदेश नीति, वैश्विक मंचों पर भारत की सशक्त उपस्थिति और सामरिक संतुलन बनाए रखने की उनकी रणनीति ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत अब सिर्फ उभरती हुई शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन का एक अहम स्तंभ बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान G20, BRICS, QUAD, SCO और UNGA जैसे वैश्विक मंचों पर न सिर्फ भारत की भागीदारी को बढ़ाया, बल्कि भारत की भूमिका को निर्णायक और नेतृत्वकारी स्वरूप में ढाल दिया। उनकी उपस्थिति और भाषण वैश्विक मीडिया में चर्चा का विषय बनते हैं। 2023 में भारत ने G20 की अध्यक्षता करते हुए जो नई दिल्ली घोषणा पत्र प्रस्तुत किया, उसमें विकासशील देशों के हितों को प्रमुखता देने, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल समावेशन और वैश्विक आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों को मुखरता से उठाया गया। इस पहल की संयुक्त राष्ट्र से लेकर यूरोपीय यूनियन तक ने तारीफ की थी।
नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद की कहानी
1. जो बाइडेन (राष्ट्रपति, अमेरिका)
जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी को "दुनिया के सबसे लोकप्रिय लोकतांत्रिक नेता" कहा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी को 21वीं सदी की सबसे निर्णायक साझेदारी बनाने में मोदी की भूमिका अहम है।
2. व्लादिमीर पुतिन (राष्ट्रपति, रूस)
पुतिन ने मोदी को "सशक्त राष्ट्रवादी नेता" बताया और कहा कि भारत ने वैश्विक मंचों पर अपनी संप्रभुता और स्वतंत्र सोच को मोदी के नेतृत्व में बनाए रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस-भारत संबंध "ट्रस्ट एंड रिस्पेक्ट" पर आधारित हैं।
3. इमैनुएल मैक्रों (राष्ट्रपति, फ्रांस)
मैक्रों ने मोदी को एक "विजनरी और डिटर्माइंड लीडर" कहा, जो भविष्य के भारत को अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियों के साथ जोड़ते हैं। उन्होंने भारत को फ्रांस का रणनीतिक साझेदार बताते हुए मोदी के नेतृत्व की खुले दिल से तारीफ की।
4. योशिहिदे सुगा / फुमियो किशिदा (प्रधानमंत्री, जापान)
जापान के नेताओं ने मोदी को "भरोसेमंद और स्थिर सहयोगी" बताया है। भारत-जापान संबंधों को तकनीक, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट और इंडो-पैसिफिक रणनीति में मजबूती देने में मोदी की भूमिका को अहम बताया गया है।
5. एंथनी अल्बानीज (प्रधानमंत्री, ऑस्ट्रेलिया)
उन्होंने मोदी को "पीपुल्स लीडर" बताया, जिनके साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई है। अल्बानीज ने यह भी कहा कि भारत के साथ संबंधों में warmth और depth मोदी के नेतृत्व के कारण है।
मोदी की विदेश नीति "India First" के सिद्धांत पर आधारित रही है। उन्होंने बहुध्रुवीय दुनिया की वकालत की है, जहाँ हर देश की संप्रभुता का सम्मान हो और वैश्विक नीति सिर्फ कुछ शक्तिशाली देशों के इर्द-गिर्द न घूमे। उन्होंने भारत की भूमिका को "वसुधैव कुटुंबकम" के सिद्धांत से जोड़ते हुए कहा कि भारत हमेशा वैश्विक शांति, सहयोग और टिकाऊ विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। उनकी "नेबरहुड फर्स्ट", "एक्ट ईस्ट" और "इंडो-पैसिफिक विज़न" जैसी रणनीतियों ने भारत को क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर मजबूती दिलाई है।
मोदी के कार्यकाल में भारत की वैश्विक छवि सिर्फ एक विकासशील देश की नहीं, बल्कि वैश्विक एजेंडा-सेटर की बन चुकी है। चाहे कोविड-19 के दौरान वैक्सीन डिप्लोमेसी हो, या अंतरराष्ट्रीय संकटों पर संतुलित और रचनात्मक भूमिका—भारत ने विश्व समुदाय में एक जिम्मेदार शक्ति की भूमिका निभाई। अफगानिस्तान संकट, यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास संघर्ष जैसे मुद्दों पर भारत की संयमित प्रतिक्रिया को दुनिया ने गंभीरता से सुना और सराहा। वहीं, वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ बनने की दिशा में मोदी सरकार ने कई नए आयाम जोड़े हैं।