दिल्ली दंगा आरोपी उमर खालिद को मिली राहत, बहन की शादी अटेंड करने तक की अनुमति; जानें कोर्ट की शर्तें

दिल्ली दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत मिल गई है। कोर्ट ने सोशल मीडिया से दूर रहने और गवाहों से संपर्क न करने जैसी कई कड़ी शर्तें लगाई हैं।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 11 December 2025, 5:52 PM IST

New Delhi: दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र और एक्टिविस्ट उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने 14 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी है। खालिद को यह राहत उसकी बहन की शादी में शामिल होने के लिए प्रदान की गई है। अदालत ने उन्हें 16 दिसंबर से 29 दिसंबर 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति दी है।

उमर खालिद वर्ष 2020 से जेल में बंद हैं और उन पर दिल्ली दंगों की हिंसा फैलाने की साजिश से जुड़े गंभीर आरोप हैं। उनके खिलाफ यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज है। कई बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद यह पहली बार है जब उन्हें इतने दिनों के लिए राहत मिली है।

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20 हजार रुपये का निजी मुचलका और दो जमानती पेश करने का आदेश

कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर वाजपेयी ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि खालिद को 20,000 रुपये के निजी मुचलके के साथ दो जमानती भी पेश करने होंगे। कोर्ट ने साफ किया कि यह जमानत सिर्फ पारिवारिक कारणों के लिए दी जा रही है।

कोर्ट ने रखीं कड़ी शर्तें

अदालत ने अंतरिम जमानत के साथ कई कड़े निर्देश भी जारी किए हैं, जिनका पालन करना खालिद के लिए अनिवार्य होगा-

  • किसी भी गवाह या संबंधित व्यक्ति से संपर्क नहीं करेंगे।
  • उन्हें अपना मोबाइल नंबर जांच अधिकारी को देना होगा और पूरे 14 दिन इसे चालू रखना होगा।
  • इस दौरान खालिद सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
  • वह केवल अपने परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिल सकेंगे।
  • कोर्ट ने उन्हें अपने घर और शादी से जुड़ी रस्मों वाले स्थानों पर रहने की अनुमति दी है।

उमर खालिद को मिली 14 दिन की राहत (फोटो सोर्स- इंटरनेट)

परिवार की खुशी और सुरक्षा व्यवस्था पर जोर

उमर खालिद की ओर से अदालत में दलील दी गई थी कि उनकी बहन की शादी में उनकी मौजूदगी जरूरी है। अदालत ने पारिवारिक परिस्थितियों को देखते हुए यह राहत दी, लेकिन साथ ही साफ कर दिया कि जमानत अवधि के दौरान किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि या बयानबाजी की अनुमति नहीं होगी।

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पुलिस और जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया गया है कि खालिद की गतिविधियों पर नजर रखी जाए और जमानत के किसी भी शर्त के उल्लंघन की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट की जाए। अंतरिम जमानत की यह अवधि पूरी होने के बाद उमर खालिद को फिर से जेल में सरेंडर करना होगा। अदालत में उनके खिलाफ यूएपीए केस की सुनवाई आगे जारी रहेगी।

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Published : 
  • 11 December 2025, 5:52 PM IST