Site icon Hindi Dynamite News

जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के मामले में तीन सदस्यीय समिति का गठन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की घोषणा

जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के मामले में जांच समिति गठित कर दी गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीन सदस्यीय समिति की घोषणा की, जो कदाचार के आरोपों की जांच करेगी। जस्टिस वर्मा पर मार्च में दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगने के बाद जले हुए नोट मिलने का आरोप है। वर्तमान में वे इलाहाबाद हाई कोर्ट में कार्यरत हैं।
Post Published By: Mayank Tawer
Published:
जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के मामले में तीन सदस्यीय समिति का गठन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की घोषणा

New Delhi: जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर चल रहे विवाद में अब एक बड़ा कदम उठाया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा को हटाने की प्रक्रिया की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसकी घोषणा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की है। तीन सदस्यीय कमेटी में सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और एक कानूनविद को शामिल किया गया है। इस कमेटी में जस्टिस अरविंद कुमार, जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कानूनविद बी.वी. आचार्य का नाम शामिल है।

कदाचार के आरोपों की जांच करेगी

यह समिति जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे गंभीर कदाचार के आरोपों की जांच करेगी। आरोपों के केंद्र में वह कैश कांड है, जिसमें 15 मार्च को दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास में आग लगने के बाद बड़ी संख्या में जले हुए नोट बरामद हुए थे। उस वक्त जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत थे।

कैश कांड के बाद ट्रांसफर, अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में तैनाती

इस विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया था। हालांकि, पूरे मामले को लेकर कई सवाल उठे। जिससे न्यायपालिका की गरिमा और पारदर्शिता को लेकर बहस छिड़ गई थी।

जस्टिस वर्मा ने दी थी अपनी सफाई

जस्टिस वर्मा ने इस पूरे प्रकरण में किसी भी प्रकार के कदाचार से इनकार किया है और कहा है कि वे निर्दोष हैं। अब गठित समिति इस मामले की तथ्यात्मक और कानूनी जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कौन हैं जांच समिति के सदस्य?

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा घोषित तीन सदस्यीय समिति में सुप्रीम कोर्ट के एक वर्तमान न्यायाधीश अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव, और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बी वी आचार्य को शामिल किया गया है। समिति को तय समय सीमा में साक्ष्य एकत्र कर रिपोर्ट संसद को सौंपनी होगी।

Exit mobile version