अडानी पोर्ट्स का बड़ा ऐलान, घरेलू बंदरगाहों में करेगा 30,000 करोड़ का निवेश

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनॉमिक ज़ोन (APSEZ) अगले दो वर्षों में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश कर घरेलू बंदरगाहों का विस्तार करेगा। विशेष रूप से मुंद्रा, ढामरा और विशाखपत्तनम बंदरगाहों पर ध्यान दिया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 100 करोड़ टन माल संभालने का है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 17 September 2025, 4:42 PM IST
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New Delhi: अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनॉमिक ज़ोन (APSEZ) ने अगले दो वर्षों में 30,000 करोड़ रुपये निवेश कर भारत में अपने बंदरगाहों का विस्तार करने की योजना बनाई है। यह निवेश कंपनी द्वारा इस वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित 11,000-12,000 करोड़ रुपये की योजना से दो गुना से भी अधिक है। कंपनी का उद्देश्य घरेलू बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाना और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।

केंद्रित निवेश: मुंद्रा, ढामरा और विशाखपत्तनम

इस अतिरिक्त निवेश का अधिकांश हिस्सा गुजरात के मुंद्रा, ओडिशा के ढामरा और केरल के विशाखपत्तनम बंदरगाहों में लगाया जाएगा। विशाखपत्तनम ट्रांसशिपमेंट हब पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो लॉन्च के नौ महीनों में ही एक मिलियन TEUs से अधिक कंटेनर हैंडल कर चुका है। इन बंदरगाहों में टर्मिनलों, बर्थों और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के विस्तार से भारत की समुद्री व्यापार क्षमता को मजबूत किया जाएगा।

2030 तक 100 मिलियन टन माल संभालने का लक्ष्य

APSEZ ने 2030 तक सालाना एक अरब टन माल संभालने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 850 मिलियन टन भारतीय बंदरगाहों से और 140-150 मिलियन टन विदेशी परिसंपत्तियों से आने की उम्मीद है। इसके तहत FY26 में कंपनी 6,500-7,000 करोड़ रुपये पोर्ट्स में, 2,300 करोड़ रुपये लॉजिस्टिक्स में, 1,500 करोड़ रुपये नवीकरणीय ऊर्जा में और 700-800 करोड़ रुपये समुद्री सेवाओं में निवेश करेगी।

Adani Ports

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनॉमिक ज़ोन

मुंद्रा और ढामरा बंदरगाहों का विस्तार प्राथमिकता

इस निवेश का मुख्य उद्देश्य मुंद्रा और ढामरा बंदरगाहों के बर्थ और टर्मिनलों का विस्तार करना तथा विशाखपत्तनम हब की क्षमता बढ़ाना है। FY25 के अंत तक कंपनी ने 15 भारतीय बंदरगाहों पर 633 मिलियन टन की स्थापित क्षमता हासिल की है और 450 मिलियन टन माल हैंडल किया, जो भारत की कुल क्षमता का 27 प्रतिशत है।

रूस से तेल आने को लेकर विवाद

हाल ही में, अडानी ग्रुप के मुंद्रा पोर्ट पर रूस से तेल लाने वाला प्रतिबंधित टैंकर ‘स्पार्टन’ आया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। यह टैंकर HPCL-मित्तल एनर्जी लिमिटेड के लिए तेल उतार रहा था। यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने इसे पिछले वर्ष रूस से तेल आपूर्ति के कारण प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद अडानी ग्रुप ने सभी प्रतिबंधित पश्चिमी टैंकरों पर रोक लगा दी।

मुंद्रा पोर्ट पिछले आठ महीनों में लगभग 1.8 लाख बैरल प्रतिदिन रूसी कच्चे तेल का संचालन कर चुका है। इसके साथ ही अमेरिका ने भारत से रूस से आयातित तेल पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक कर दिया है, ताकि रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए दबाव बनाया जा सके।

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