मानसून के जाने के बाद मुंबई की हवा की गुणवत्ता तेजी से खराब हुई है। La Niña और सर्दियों की ठंडी हवाओं के असर से शहर में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। BKC और Deonar में AQI ‘खराब’ श्रेणी तक पहुंच गया है। पढ़ें पूरी खबर

मुंबई का AQI अचानक क्यों बढ़ा? (Img- Google)
Mumbai: दिल्ली के मुकाबले मुंबई का AQI काफी अच्छा है लेकिन इस साल कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला है। बता दें कि मुंबई में मानसून के खत्म होने के बाद वायु गुणवत्ता में तेज गिरावट देखी गई। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, 10 अक्टूबर तक शहर का AQI दो अंकों में था, जो “साफ हवा” को दर्शाता है। लेकिन बारिश बंद होने के अगले ही दिन AQI तीन अंकों में पहुंच गया, औसतन 139 ‘मध्यम’ स्तर।
शहर के कुछ इलाकों में स्थिति इससे भी गंभीर है। Bandra Kurla Complex (BKC) में AQI 221 और Deonar में 235 तक पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। इससे स्पष्ट होता है कि शहर में प्रदूषण असमान रूप से फैल रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि ऐसा क्यों हो रहा है
विशेषज्ञ बताते हैं कि यह गिरावट La Niña जलवायु पैटर्न से जुड़ी है। La Niña प्रशांत महासागर में समुद्री तापमान को ठंडा करती है और वायुमंडलीय प्रवाह में बदलाव लाती है। गुफ़रान बीग चेयर प्रोफेसर NIAS ने कहा, “La Niña की वजह से तटीय शहरों में हवा की गति धीमी हो जाती है। ठंडी हवा घनी होती है, जिससे प्रदूषक निचले स्तर में फंस जाते हैं और smog जैसी परत बन जाती है।”
दिल्ली, मुंबई में प्रदूषण का काला सच: जानें AQI 400 पार होने पर क्या सहते हैं फेफड़े?
पिछले La Niña सत्र (2021-2022) में भी मुंबई का AQI काफी गिरा था। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नवंबर से यह प्रभाव और बढ़ सकता है, जिससे शहर का औसत AQI ‘मध्यम’ से ‘खराब’ की ओर जाएगा।
La Niña और सर्द हवाओं का असर (Img- Google)
IMD ने इस साल लंबी और अपेक्षाकृत ठंडी सर्दियों की भविष्यवाणी की है। मुंबई में तापमान आमतौर पर कम होता है, लेकिन ठंडी हवाएँ और कम हवा की गति प्रदूषण फैलने की प्रक्रिया को धीमा कर देती हैं।
महेश पलावत, उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान), Skymet Weather कहते हैं, “ठंडी और स्थिर हवा के कारण वायु का प्राकृतिक विसर्जन रुक जाता है। मानसून के दौरान, बारिश हवा को स्वच्छ रखती है, पर अब यह प्राकृतिक सफाई बंद हो गई है।”
BMC की Mumbai Air Pollution Mitigation Plan (MAPMP) के अनुसार, शहर में प्रदूषण के तीन मुख्य स्रोत हैं:
1. वाहन उत्सर्जन: मुंबई में ट्रैफिक जाम और पुराने वाहनों से निकलने वाले धुएँ का योगदान बड़ा है।
2. निर्माण स्थलों और सड़कों से धूल: लगातार निर्माण कार्यों और धूल उड़ने वाले रोड्स से AQI बढ़ता है।
3. खुले में कचरा जलाना: Deonar जैसे इलाकों में खुला कचरा जलाना ‘खराब’ AQI का मुख्य कारण है।
Delhi AQI: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का बढ़ता संकट, क्या है इसका कारण और भविष्य की चुनौतियां?
AQI में अचानक वृद्धि का मुख्य कारण मानसून के जाने के बाद हवा में नमी का कम होना और प्रदूषकों का जमाव है। La Niña के चलते हवा की गति धीमी हो रही है, जिससे निचले वायुमंडल में प्रदूषक फंस रहे हैं। लंबी और ठंडी सर्दियां प्राकृतिक वायु विसर्जन को और कम कर देंगी। इसलिए मुंबई के नागरिकों के लिए चेतावनी है कि आने वाले महीनों में मास्क का प्रयोग और धुएँ/धूल वाले इलाकों से बचाव जरूरी होगा।
No related posts found.