Sawan 2025: इस सावन में बन रहे सात शुभ योग, ग्रहों की चाल और शिव आराधना से मिलेगा अपार फल

इस बार का सावन महीना धार्मिक और खगोलीय दृष्टिकोण से अत्यंत विशेष माना जा रहा है। 72 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा कि सावन के चार सोमवार पर शुभता का अमृत बरसेगा।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 2 July 2025, 11:30 AM IST
google-preferred

New Delhi: इस बार का श्रावण मास यानी 2025 में ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है जो 72 वर्षों बाद देखने को मिल रहा है। इस सावन में चार सोमवार होंगे और इन सभी सोमवारों पर सात शुभ योग बन रहे हैं। साथ ही, ग्रहों की चाल में भी अद्भुत परिवर्तन हो रहा है। बुध और शनि ग्रह वक्री हो जाएंगे, जबकि राहु और केतु पहले से ही वक्री अवस्था में हैं। इस समयकाल को ज्योतिषाचार्य अत्यंत शुभ और फलदायी मान रहे हैं।

सावन की शुरुआत और विशेषताएं

इस बार श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और यह 9 अगस्त तक चलेगा। आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री और पंडित गौरव द्विवेदी के अनुसार, इस पूरे मास में सात सर्वार्थ सिद्धि योग और एक अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो इस माह को अत्यंत पावन और फलदायी बनाता है।

इस दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन के अनेक कष्ट दूर हो सकते हैं। इन योगों में किए गए धार्मिक कार्य, व्रत, जप-तप और दान आदि विशेष फल देने वाले माने जाते हैं।

चार सोमवार और सात योग

पहला सोमवार- 14 जुलाई: इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। साथ ही, गणेश चतुर्थी का भी योग बन रहा है, जो दुर्लभ है।

दूसरा सोमवार- 21 जुलाई: रोहिणी नक्षत्र, कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का त्रिवेणी संगम बनेगा। इस दिन शिव और विष्णु दोनों की पूजा का विशेष महत्व है।

तीसरा सोमवार- 28 जुलाई: चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे। सिंह राशि में चंद्रमा के प्रवेश से धन योग और वृद्ध चतुर्थी का शुभ संयोग बनेगा।

अंतिम सोमवार- 4 अगस्त: इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग बन रहा है। चंद्रमा अनुराधा और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। यह दिन विशेष पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है।

Shiv Puja in Sawan 2025

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)

ग्रहों की स्थिति में बड़ा बदलाव

  • 7 जुलाई को बृहस्पति (देवगुरु) उदय होंगे।
  • 13 जुलाई को बुध ग्रह और 14 जुलाई को शनि ग्रह वक्री हो जाएंगे।
  • राहु और केतु पहले से वक्री अवस्था में हैं।
  • 16 जुलाई को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।
  • 26 जुलाई को शुक्र मिथुन राशि में गोचर करेंगे।

ग्रहों की इस अद्भुत चाल से कुछ प्रतिकूलताएं तो संभव हैं, लेकिन बन रहे शुभ योग इन प्रभावों को संतुलित कर देंगे और श्रद्धालुओं को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ समय

श्रावण मास में बन रहे सात सर्वार्थ सिद्धि योग और एक अमृत सिद्धि योग जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता के द्वार खोल सकते हैं। विशेष रूप से यह समय नए कार्य शुरू करने, अनुष्ठान, संकल्प लेना, संपत्ति की खरीद-फरोख्त, रजिस्ट्रेशन, उद्योग की स्थापना आदि के लिए अत्यंत शुभ है।

2025 का सावन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि खगोलीय घटनाओं के दृष्टिकोण से भी अत्यंत विशेष है। 72 साल बाद बन रहे इन योगों को केवल एक संयोग न मानकर एक अवसर के रूप में लें। भक्तिभाव से शिव पूजन, व्रत और शुभ कार्य करके जीवन को मंगलमय बनाया जा सकता है।

Location : 

Published :