Diwali 2025: दिवाली पर क्यों की जाती है लक्ष्मी-गणेश की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और मूर्ति चुनने के नियम

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का खास महत्व है। इस बार 20 अक्टूबर 2025 को शाम 07:08 से रात 08:18 तक का समय पूजन के लिए शुभ है। पूजा के लिए लक्ष्मी और गणेश की अलग-अलग मूर्तियां रखें और जरूरी सामग्रियों के साथ विधि-विधान से मां लक्ष्मी की आराधना करें।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 20 October 2025, 9:16 AM IST
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New Delhi: दिवाली का त्योहार धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। मान्यता है कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं और मां लक्ष्मी धन की देवी। इसलिए दोनों की पूजा एक साथ करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

मूर्ति चुनने में बरतें सावधानी

दिवाली पूजा के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति चुनते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा के लिए जुड़ी हुई (एक साथ लगी) मूर्तियां नहीं लेनी चाहिए। ज्योतिष और वास्तु के अनुसार, अलग-अलग मूर्तियां अधिक शुभ मानी जाती हैं। पूजा के बाद घर में इन्हें अलग-अलग स्थान पर स्थापित किया जा सकता है।

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दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त

इस साल दिवाली 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाई जा रही है। दिल्ली और उत्तर भारत के लिए लक्ष्मी पूजन का उत्तम मुहूर्त शाम 07:08 बजे से रात 08:18 बजे तक है। इसके अलावा कुछ और पूजन योग इस प्रकार हैं:

  • सुबह: 2:13 से 3:44
  • दोपहर: 1:19 से 3:33
  • शाम: 6:51 से 8:48

इन मुहूर्तों में से प्रदोष काल और स्थिर लग्न का समय सबसे अधिक शुभ माना जाता है, जब मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं।

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पूजा के लिए जरूरी सामग्रियां

लक्ष्मी-गणेश पूजा के लिए निम्न सामग्रियां रखनी जरूरी हैं:

  • गणेश-लक्ष्मी की अलग-अलग मूर्ति या चित्र
  • गंगाजल, जनेऊ, लाल-पीला कपड़ा
  • चौकी, आसन, कलश (दो), मिट्टी का दीपक
  • फल, लड्डू, घी, अक्षत, पान, सुपारी, नारियल
  • आम के पत्ते, पान के पत्ते, दूर्वा घास, केसर, लौंग
  • बाती, माचिस, साबुत धनिया, कौड़ी, भगवान के वस्त्र या चुनरी
  • फूल, विशेषकर कमल के फूल, पंचमेवा, धूप, अगरबत्ती, कलावा
  • जल पात्र, गट्टे, खील-बताशे, सिंदूर, कुमकुम, चांदी का सिक्का, कुबेर यंत्र आदि।
  • इन सामग्रियों से पूजा करने पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

पूजा विधि

पूजन के लिए चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। कलश स्थापित करें और गंगाजल से शुद्धिकरण करें। फिर दीप जलाकर मंत्रोच्चारण के साथ लक्ष्मी-गणेश की आरती करें। अंत में प्रसाद, खील-बताशे और लड्डू अर्पित करें।

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प्रदूषण रहित दीवाली का संकल्प

इस दिवाली पर पूजा के साथ-साथ स्वच्छता और पर्यावरण का भी ध्यान रखना जरूरी है। ग्रीन पटाखे जलाएं और ज्यादा शोर व धुआं फैलाने वाले पटाखों से बचें। साफ-सुथरी और सादगी भरी दिवाली मां लक्ष्मी को और अधिक प्रिय लगती है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 20 October 2025, 9:16 AM IST