देवउठनी एकादशी 2025: भगवान विष्णु जागेंगे योगनिद्रा से, चातुर्मास समाप्ति के साथ इस दिन शुरू होंगे शुभ कार्य और शादियों का सीजन

देवउठनी एकादशी 1 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, जिससे चातुर्मास की समाप्ति होती है। इसके बाद से विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। नवंबर में 14 विवाह मुहूर्त रहेंगे।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 31 October 2025, 4:22 PM IST
google-preferred

New Delhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी, देवोत्थान या देव प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। इस साल यह पवित्र तिथि शनिवार, 1 नवंबर 2025 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और चातुर्मास की समाप्ति होती है। मान्यता है कि जब विष्णु भगवान जागते हैं, तब सभी शुभ-मांगलिक कार्यों की पुनः शुरुआत की जा सकती है।

देवउठनी एकादशी का पर्व विष्णु भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। पूजा के समय भगवान के शालिग्राम स्वरूप को जगाया जाता है और अगले दिन मां तुलसी के साथ उनका विवाह संपन्न किया जाता है, जिसे तुलसी विवाह कहा जाता है। इस परंपरा के बाद ही हिंदू समाज में शादी-विवाह जैसे कार्यों का आरंभ होता है।

चातुर्मास की समाप्ति और शुभ कार्यों की शुरुआत

बता दें कि इस वर्ष 6 जुलाई 2025 को चातुर्मास की शुरुआत हुई थी, जो 1 नवंबर को समाप्त हो रही है। चातुर्मास का समय साधना, उपासना और संयम का काल माना जाता है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। देवउठनी एकादशी के साथ यह प्रतिबंध समाप्त हो जाता है और शुभ कार्यों के द्वार खुल जाते हैं।

रमा एकादशी 2025: भगवान विष्णु की उपासना से मिलती अपार कृपा, जानें इस व्रत का महत्व

देवउठनी एकादशी के दिन लोग भगवान विष्णु को जगाने के लिए गीत गाते हैं "उठो देव उठो, कार्तिक माह आएो, तुलसी विवाह रचाएो." यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और देशभर में इसे बड़े श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है।

नवंबर में 14 विवाह मुहूर्त, दिसंबर में भी रहेगा शुभ समय

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, नवंबर 2025 में विवाह के लिए कुल 14 शुभ मुहूर्त रहेंगे। ये तिथियां हैं 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर। इन तिथियों में कुछ दिन के समय तो कुछ रात के समय विवाह के लिए उपयुक्त माने गए हैं। इसलिए विवाह तिथि तय करने से पहले किसी योग्य पंडित से वर-वधू की जन्म कुंडली और नक्षत्र देखकर शुभ मुहूर्त पक्का करना चाहिए।

देवउठनी एकादशी 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

देवउठनी एकादशी से लेकर दिसंबर महीने तक का समय हिंदू समाज में शादी का सीजन कहलाता है। इस दौरान देशभर में शहनाइयों की गूंज सुनाई देती है और लोग अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह समारोहों में शामिल होते हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 31 October 2025, 4:22 PM IST