सोशल मीडिया पर एक अनोखा और बेहद आकर्षक हल्दी ट्रेंड’ तेजी से वायरल हो रहा है। जानिए ये आपको कैसे पहुंचा सकता है नुकसान

'हल्दी-लाइट ट्रेंड' ( सोर्स - इंटरनेट )
नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अनोखा और बेहद आकर्षक ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे 'हल्दी ट्रेंड' कहा जा रहा है। इस ट्रेंड में लोग एक जलती हुई लाइट (जैसे फोन की फ्लैश लाइट या टॉर्च) के ऊपर कांच का ग्लास रखते हैं और उसमें ऊपर से हल्दी डालते हैं। जैसे ही हल्दी गिरती है, लाइट के संपर्क में आकर वह एक सुनहरी, चमकदार रोशनी और धुएं जैसा प्रभाव पैदा करती है। यह दृश्य बेहद खूबसूरत और जादुई नजर आता है, जिसके चलते यह ट्रेंड इंस्टाग्राम, यूट्यूब शॉर्ट्स और रील्स पर लाखों बार दोहराया जा चुका है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक इस ट्रेंड को खास बनाने वाली बात यह है कि इसके लिए किसी महंगे सेटअप की जरूरत नहीं होती—सिर्फ एक लाइट, कांच का गिलास और थोड़ी सी हल्दी से यह प्रभाव तैयार हो जाता है। कई यूजर्स इसमें स्लो मोशन, बैकग्राउंड म्यूजिक और क्रिएटिव एंगल जोड़कर इसे और भी प्रभावशाली बना रहे हैं। हल्दी, जो भारतीय संस्कृति में पवित्रता और ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है, को इस नए और एस्थेटिक तरीके से पेश किया जाना कई लोगों को आकर्षित कर रहा है।
हालांकि, अब इस ट्रेंड को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रसिद्ध ज्योतिषी व्यास जी ने इस ट्रेंड को लेकर गंभीर चेतावनी दी है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। व्यास जी का दावा है कि हल्दी को इस प्रकार लाइट और पानी के संपर्क में लाना कोई सामान्य दृश्यात्मक प्रयोग नहीं, बल्कि एक तांत्रिक क्रिया है, जो अनजाने में नकारात्मक ऊर्जाओं और यहां तक कि भूत-प्रेत शक्तियों को आकर्षित कर सकती है।
उनका कहना है कि यह क्रिया मानसिक अस्थिरता, घरेलू अशांति और आध्यात्मिक समस्याओं का कारण बन सकती है। व्यास जी के अनुसार, यह क्रिया चंद्रमा और गुरु जैसे ग्रहों को कुंडली में कमजोर कर सकती है, जिससे व्यक्ति के भाग्य और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि लोग इस ट्रेंड को सिर्फ मनोरंजन या सौंदर्य के लिए ना अपनाएं, क्योंकि इसके पीछे छिपे आध्यात्मिक प्रभाव गंभीर हो सकते हैं।
इस चेतावनी के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है—जहां एक वर्ग इसे अंधविश्वास मान रहा है, वहीं कुछ लोग इस चेतावनी को गंभीरता से लेकर अपने वीडियो हटा चुके हैं। यह ट्रेंड एक ओर क्रिएटिविटी और सौंदर्य का प्रतीक बन गया है, वहीं दूसरी ओर अब यह आध्यात्मिक चेतावनियों और विवाद का कारण भी बन रहा है। अब देखना होगा कि इस वायरल ट्रेंड का असर सोशल मीडिया पर किस दिशा में जाता है।