डिजिटल लत के खिलाफ बड़ा कदम: UP के स्कूलों में अखबार पढ़ना अनिवार्य, घटेगा स्क्रीन टाइम

उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए अखबार पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करना, मोबाइल और स्क्रीन टाइम कम करना और तार्किक सोच को मजबूत करना है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 27 December 2025, 11:23 AM IST

Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों में बढ़ती स्क्रीन लत और घटती पढ़ने की आदत को देखते हुए एक अहम कदम उठाया हैराज्य के सभी सरकारी बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में अब छात्रों के लिए अखबार पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया हैइस फैसले का मकसद बच्चों में पढ़ने की रुचि विकसित करना, मोबाइल और अन्य डिजिटल डिवाइस पर निर्भरता कम करना और उनके सामान्य ज्ञानतार्किक सोच को मजबूत करना है

23 दिसंबर को जारी हुआ आदेश

इस संबंध में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने 23 दिसंबर को आधिकारिक आदेश जारी कियाआदेश के अनुसार, प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के अखबार उपलब्ध कराए जाएंगेइन्हें स्कूल की दैनिक गतिविधियों में शामिल किया जाएगा ताकि बच्चे नियमित रूप से समाचार पढ़ सकें

मॉर्निंग असेंबली में न्यूज रीडिंग

सरकार के निर्देशानुसार, स्कूलों में मॉर्निंग असेंबली के दौरान रोजाना 10 मिनट अखबार पढ़ने के लिए निर्धारित किए गए हैंइस दौरान छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी अखबार दिए जाएंगेयह व्यवस्था सभी सरकारी सेकेंडरी और बेसिक स्कूलों में अनिवार्य होगी, हालांकि निजी स्कूल चाहें तो स्वेच्छा से इसे अपना सकते हैं

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भरोसेमंद जानकारी से जुड़ेंगे बच्चे

सरकार का मानना है कि डिजिटल दौर में सूचनाओं की भरमार है, लेकिन सही और गलत खबरों की पहचान करना बच्चों के लिए चुनौती बन गया हैअखबार आज भी सबसे भरोसेमंद सूचना माध्यम माने जाते हैंइन्हें पढ़ने से छात्रों को विश्वसनीय जानकारी मिलेगी, भाषा पर पकड़ मजबूत होगी और घटनाओं को लेकर अपना नजरिया विकसित करने में मदद मिलेगी

स्क्रीन टाइम बना चिंता का विषय

यह फैसला बच्चों में बढ़ते स्क्रीन टाइम की गंभीर समस्या की ओर भी इशारा करता हैजुलाई में आए एक सर्वे के अनुसार, भारत में 5 साल तक के बच्चे औसतन रोज 2.2 घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं, जबकि दो साल से कम उम्र के बच्चे भी 1.2 घंटे स्क्रीन देखते हैंकम उम्र में इंटरनेट और सोशल मीडिया तक पहुंच बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल रही है

विदेशों और न्यायपालिका से भी संकेत

बच्चों पर स्क्रीन के दुष्प्रभावों को देखते हुए हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया हैवहीं, मद्रास हाईकोर्ट ने भी एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को इसी तरह के कानून पर विचार करने का सुझाव दिया है

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भाषा, ज्ञान और सोच तीनों होंगे मजबूत

अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के अनुसार, नियमित अखबार पढ़ने से छात्रों का सामान्य ज्ञान और करेंट अफेयर्स मजबूत होगाइससे शब्दावली बढ़ेगी, लेखन क्षमता में सुधार आएगा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगीसाथ ही, विभिन्न दृष्टिकोण पढ़ने से फेक न्यूज़ पहचानने की क्षमता और आलोचनात्मक सोच विकसित होगी

टेक्नोलॉजी के साथ संतुलन की कोशिश

सरकार ने साफ किया है कि यह आदेश तकनीक से दूरी बनाने के लिए नहीं, बल्कि संतुलन बनाने के लिए हैविशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्कूल के साथ-साथ घरों में भी बच्चों को अखबार पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए, तो इसका असर और सकारात्मक होगा

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 27 December 2025, 11:23 AM IST