New Delhi: दक्षिण अमेरिका के सुदूर दक्षिणी हिस्से में स्थित ड्रेक पैसेज क्षेत्र में शुक्रवार को एक 8.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया है। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 10.0 किलोमीटर की गहराई में था। यह क्षेत्र दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिक प्रायद्वीप के बीच स्थित है।
जान माल की हानि की सूचना नहीं
भूकंप का केंद्र जनसंख्या से दूर क्षेत्र में होने के कारण फिलहाल किसी जानमाल की हानि की सूचना नहीं है। हालांकि, भूकंप की तीव्रता को देखते हुए सुनामी के खतरे की आशंका व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञ स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने कहा है कि भूकंप का असर सीमित हो सकता है, लेकिन समुद्री हलचलों पर नजर रखना आवश्यक है। इस क्षेत्र में पहले भी भूकंपीय गतिविधियां देखी गई हैं, लेकिन इतनी तीव्रता का भूकंप दुर्लभ माना जाता है। अधिकारियों ने स्थानीय समुद्री ट्रैफिक और पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन शुरू कर दिया है। जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी संभावित खतरे को लेकर जागरूक रहें और आधिकारिक निर्देशों का पालन करें।
सुनामी का खतरा टला
भूकंप के बाद अंटार्कटिका में मौजूद चिली के ठिकानों पर सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी। हालांकि, रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार कुछ ही घंटों बाद विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल सुनामी का कोई खतरा नहीं है। ड्रेक पैसेज, जो अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ता है, समुद्री दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
अमेरिका में भी लगातार भूकंप
अमेरिका में अगस्त महीने में भूकंप की गतिविधियां लगातार दर्ज की गई हैं। 1 अगस्त को कैलिफोर्निया के फर्नडेल क्षेत्र में 4.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इसके बाद 10 अगस्त को अलास्का के हॉबर्ट बे में 5.4 तीव्रता और 12 अगस्त को न्यू मैक्सिको के व्हाइट्स सिटी में 3.5 तीव्रता के झटके आए। लगातार आ रहे इन भूकंपों से अमेरिका के कुछ तटीय क्षेत्रों में सुनामी की आशंका भी जताई जा चुकी है।
भारत में भी आया भूकंप
भारत के जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। 21 अगस्त को दोपहर 1:41 बजे उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 3.5 तीव्रता का भूकंप आया। यह झटके पांच किलोमीटर की गहराई में उत्पन्न हुए। प्रशासन के अनुसार, इस भूकंप से किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई है। भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल से ऐसे झटके लगातार आते रहते हैं, लेकिन जब तीव्रता अधिक होती है, तो सुनामी जैसी आपदाओं का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है।