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महराजगंज: अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का अड्डा बना ARTO, बीजेपी नेता के भाई से वसूली, गरमाया मामला

महराजगंज में जनपद का परिवहन विभाग इन दिनों गंभीर अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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महराजगंज: अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का अड्डा बना ARTO, बीजेपी नेता के भाई से वसूली, गरमाया मामला

महराजगंज: जनपद का परिवहन विभाग इन दिनों गंभीर अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया है। महीनों से यहां ARTO का पद खाली है और विभाग की कमान उधारी के सहारे चल रही है। जनपद में स्थायी ARTO न होने के चलते सिद्धार्थनगर के ARTO सुरेश मौर्य को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। लेकिन उनका कार्यालय में आगमन बेहद कम होता है। इस स्थिति का फायदा उठाकर कार्यालय के बाबू और निजी दलालों की मिलीभगत से आम जनता का शोषण खुलेआम किया जा रहा है।

सबसे ताजा मामला एक बीजेपी नेता के भाई से जुड़ा है। आरोप है कि परिवहन विभाग के एक कर्मचारी और उसके निजी सहकर्मी ने मिलकर उनसे पंजीयन प्रमाणपत्र (आरसी) के नाम पर 10,000 रुपये की वसूली कर ली। इतना ही नहीं, बाद में वाहन विवरण प्रिंट कराने के नाम पर फिर से अतिरिक्त धन की मांग की गई। पीड़ित के मुताबिक, उन्होंने डेढ़ माह पूर्व ही सभी दस्तावेज और औपचारिकताएं पूरी कर संबंधित कर्मचारी को फाइल सौंप दी थी, इसके बावजूद कार्य में अनावश्यक देरी की जा रही है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को शिकायतकर्ता से मिली जानकारी के अनुसार यह भी आरोप लगाया है कि विभाग में सरकारी दस्तावेजों की खुलेआम धांधली हो रही है। आरसी जैसे संवेदनशील दस्तावेजों का व्यापार किया जा रहा है और कार्यालय में निजी व्यक्तियों को बैठाकर उनसे काम लिया जा रहा है। यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है बल्कि सुरक्षा मानकों का भी उल्लंघन है।

बीजेपी नेता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन आयुक्त से शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मांग की है कि दोषी कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और महराजगंज में स्थायी ARTO की तैनाती जल्द से जल्द की जाए।

इस पूरे घटनाक्रम से आम जनता में भारी आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब एक सत्ताधारी दल से जुड़े व्यक्ति के परिजन को न्याय नहीं मिल पा रहा है, तो आम जनता के साथ किस तरह का व्यवहार होता होगा। अब देखना यह होगा कि शासन प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता दिखाता है और क्या वास्तव में दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाता है या मामला फाइलों में ही दबा रह जाएगा।

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