इटली के अब्रूजो क्षेत्र के छोटे से गांव पाग्लियारा देई मार्सी में 30 साल बाद किसी बच्चे का जन्म हुआ है। पाग्लियारा देई मार्सी आज पूरे इटली की तस्वीर बन चुका है। यहां बुज़ुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि युवा आबादी तेजी से घट रही है।

प्रतीकात्मक तस्वीर (Img: Google)
Abruzzo: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के देश में जनसंख्या संकट के बीच एक छोटा सा गांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इटली के अब्रूजो क्षेत्र में स्थित पाग्लियारा देई मार्सी गांव में करीब 30 साल बाद किसी बच्चे का जन्म हुआ है। मार्च 2025 में जन्मी लारा बुस्सी त्राबूक्को इस गांव में लगभग तीन दशकों में पैदा होने वाली पहली बच्ची है। इस एक जन्म ने न सिर्फ गांव में रौनक लौटा दी, बल्कि पूरे इटली में घटती जन्म दर पर भी नई बहस छेड़ दी है।
पहाड़ों के बीच बसे इस छोटे से गांव की आबादी पिछले कई वर्षों से लगातार घटती जा रही थी। हालात ऐसे हो चुके थे कि यहां इंसानों से ज्यादा बिल्लियां नजर आती थीं और दर्जनों घर खाली पड़े थे। गांव में स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं और ज्यादातर युवा बेहतर रोजगार की तलाश में शहरों या विदेशों की ओर पलायन कर चुके हैं। ऐसे माहौल में लारा का जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा।
लारा के जन्म के बाद गांव की कुल आबादी अब करीब 20 तक पहुंच गई है। बच्ची का नामकरण गांव के चर्च में किया गया, जिसमें लगभग पूरा गांव शामिल हुआ। लंबे समय बाद किसी बच्चे की हंसी और मौजूदगी ने गांव के बुज़ुर्गों की आंखों में खुशी और उम्मीद दोनों भर दी। आसपास के इलाकों से भी लोग इस दुर्लभ घटना को देखने और गांव को जानने पहुंचने लगे हैं।
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जानकारी के अनुसार, लारा का जन्म ऐसे समय में हुआ है, जब इटली गंभीर जनसंख्या संकट का सामना कर रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2024 में देश में जन्म दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। पूरे साल में केवल लगभग 3.7 लाख बच्चों का जन्म हुआ। औसतन एक महिला से सिर्फ 1.18 बच्चे पैदा हो रहे हैं, जो यूरोप में सबसे कम दरों में से एक है। 2025 की शुरुआत में हालात और खराब होते दिखे, खासकर अब्रूजो जैसे क्षेत्रों में, जहां जन्म दर में 10 प्रतिशत से अधिक गिरावट दर्ज की गई।
पाग्लियारा देई मार्सी आज पूरे इटली की तस्वीर बन चुका है। यहां बुज़ुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है, जबकि युवा आबादी तेजी से घट रही है। स्कूल बंद हैं, शिक्षक नहीं हैं और भविष्य की पीढ़ी लगभग नदारद है। लारा के माता-पिता ने जानबूझकर शहर छोड़कर गांव में बसने का फैसला किया, ताकि शांत माहौल में परिवार शुरू कर सकें।
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इटली सरकार की ओर से बेबी बोनस और मासिक चाइल्ड सपोर्ट जैसी योजनाएं जरूर हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि असली समस्या कमजोर चाइल्ड-केयर और नर्सरी सिस्टम है। कामकाजी महिलाओं के लिए नौकरी और बच्चे के बीच संतुलन बनाना मुश्किल होता जा रहा है। गांवों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जहां सुविधाओं की भारी कमी है।