गूगल का बड़ा फैसला: 22 जुलाई से बदल जाएगा ये नियम, आयु सीमा में हुआ बदलाव

Google ने अपनी वीडियो स्ट्रीमिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। ये बदलाव 22 जुलाई 2025 से लागू होने वाले हैं, जानिए क्या हैं नये नियम

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 27 June 2025, 8:53 PM IST
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नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक Google ने अपनी वीडियो स्ट्रीमिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। अब 13 वर्ष की उम्र वाले किशोर वीडियो स्ट्रीमिंग नहीं कर पाएंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक 22 जुलाई 2025 से लागू होने वाले इस नए नियम के तहत न्यूनतम आयु सीमा 16 साल कर दी गई है। गूगल ने यह बदलाव उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा, गोपनीयता और ऑनलाइन कंटेंट के दुरुपयोग को रोकने के मकसद से किया है।

क्या है नया नियम?

अब तक गूगल के यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग के लिए न्यूनतम उम्र 13 साल निर्धारित थी। लेकिन नई पॉलिसी के अनुसार, 22 जुलाई 2025 से कोई भी यूज़र 16 साल से कम उम्र का है तो वह वीडियो स्ट्रीमिंग फीचर का उपयोग नहीं कर पाएगा। इसका मतलब यह है कि 13-15 साल के बीच के सभी यूज़र्स को लाइव स्ट्रीमिंग से बाहर कर दिया जाएगा।

क्यों लिया गया यह फैसला?

गूगल का कहना है कि नाबालिगों की सुरक्षा उसकी प्राथमिकता है। हाल के वर्षों में टीनएज यूज़र्स द्वारा की जा रही लाइव स्ट्रीमिंग में कई बार गोपनीयता उल्लंघन, साइबरबुलिंग, हेट स्पीच, और अनुचित कंटेंट जैसी घटनाएं सामने आईं। इसके चलते गूगल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बना कि वह अपने प्लेटफॉर्म को और सुरक्षित बनाए।

इस बदलाव का असर मुख्य रूप से यूट्यूब, यूट्यूब लाइव, और यूट्यूब किड्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर पड़ेगा। हालांकि, टीनएजर्स वीडियो अपलोड कर सकेंगे, लेकिन उन्हें लाइव स्ट्रीमिंग करने की सुविधा नहीं मिलेगी, जब तक कि वे 16 वर्ष की उम्र पार नहीं कर लेते।

क्या होगा मौजूदा यूज़र्स का?

गूगल ने स्पष्ट किया है कि जिन यूज़र्स की उम्र 22 जुलाई 2025 तक 16 वर्ष से कम होगी, उनकी लाइव स्ट्रीमिंग सुविधा स्वत: बंद कर दी जाएगी। उन्हें एक नोटिफिकेशन के जरिए इस बदलाव की जानकारी दे दी जाएगी और उनकी प्रोफाइल सेटिंग्स में भी यह दर्शा दिया जाएगा।

अभिभावकों के लिए सलाह

गूगल ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों के डिजिटल व्यवहार पर नजर रखें और उन्हें ऑनलाइन सुरक्षित रहने के उपाय सिखाएं। कंपनी का कहना है कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा और डिजिटल जिम्मेदारी की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।

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