New Delhi: मॉनसून जहां एक तरफ गर्मी से राहत लाता है, वहीं दूसरी ओर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ा देता है। मुंबई में डॉक्टरों ने न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस नामक एक गंभीर ब्रेन इंफेक्शन को लेकर अलर्ट जारी किया है, जो अधपका मांस और दूषित पानी से फैलता है।
क्या है न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस?
न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस एक दिमागी संक्रमण (brain infection) है, जो पॉर्क टेपवर्म (Taenia solium) के लार्वा से होता है। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति अधपका पोर्क खाता है या फिर ऐसा पानी या खाना खाता है जिसमें टेपवर्म के अंडे मौजूद हों।
• ये अंडे पहले आंतों में पहुंचते हैं और टीनियासिस नामक संक्रमण पैदा करते हैं।
• इलाज न होने पर यह लार्वा खून के जरिए दिमाग तक पहुंच जाता है और वहां सिस्ट बना लेता है।
• इसी अवस्था को न्यूरोसिस्टिसर्कोसिस कहा जाता है।
क्या हैं इसके लक्षण?
• बार-बार दौरे (seizures) पड़ना
• लगातार और तेज सिरदर्द
• चक्कर आना, मानसिक भ्रम या कन्फ्यूजन
• गंभीर मामलों में स्थायी ब्रेन डैमेज
बरसात में क्यों बढ़ता है खतरा?
• पानी भराव, गंदगी और दूषित खाना आम हो जाते हैं
• टेपवर्म के अंडे इस मौसम में तेजी से फैलते हैं
• खुले में मांस और खाना बेचने की वजह से साफ-सफाई की कमी होती है
कैसे होती है जांच?
इस बीमारी की पुष्टि के लिए MRI या CT स्कैन कराना जरूरी है।
स्कैन से पता चलता है कि दिमाग में कितने सिस्ट हैं और किस अवस्था में हैं।
• Vesicular Stage: शुरुआती स्टेज, बिना सूजन
• Colloidal Stage: सिस्ट के आसपास सूजन और संक्रमण
• Calcified Stage: पुराना सिस्ट जो अब सख्त हो चुका है
कैसे करें बचाव?
• अधपका या अधसिंका पोर्क (सुअर का मांस) कभी न खाएं
• सब्जियों और फलों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं
• फिल्टर या उबला हुआ पानी पिएं
• खाना खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोना न भूलें
• मांस विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदें
समय पर इलाज है बेहद जरूरी
अगर किसी को बार-बार दौरे पड़ें, तेज सिरदर्द हो या चक्कर आने लगें तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। डॉ. पवन पाई के अनुसार समय पर जांच और इलाज न होने पर यह संक्रमण दिमाग को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर मॉनसून में लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।