Mumbai: बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण इन दिनों लगातार सुर्खियों में हैं। हाल ही में दिए गए उनके एक बयान ने इंडस्ट्री में नई बहस छेड़ दी है। दीपिका ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वो दिन में 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं कर सकती हैं। उनके इस बयान के बाद फिल्म इंडस्ट्री के अंदर और बाहर दोनों जगह इस पर जोरदार चर्चा शुरू हो गई कि क्या वास्तव में एक्टर्स के लिए भी फिक्स वर्किंग ऑवर्स होने चाहिए?
फिल्म ‘थामा’ के डायरेक्टर ने दिया दीपिका के सवाल का जवाब
इस बहस में जहां कई लोगों ने दीपिका का समर्थन किया, वहीं कुछ लोगों ने इस विचार पर सवाल भी खड़े किए। अब इस पूरे मामले पर फिल्म ‘थामा’ के डायरेक्टर आदित्य सरपोतदार का बयान सामने आया है। हालांकि, उन्होंने सीधे दीपिका का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी बातों से यह साफ झलकता है कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से दीपिका के बयान पर जवाब दिया है।
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डारेक्टर ने 12 घंटे की शिफ्ट को सही माना
आदित्य सरपोतदार ने एक इंटरव्यू में कहा, “कई बार यह मान लिया जाता है कि हर कोई 24 घंटे काम करेगा, लेकिन इससे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से असर पड़ता है। मुझे लगता है कि 12 घंटे की शिफ्ट व्यावहारिक है। इससे ज्यादा काम करना न तो सही है और न ही जरूरी।” उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में कई बार ऐसा होता है कि कलाकारों को अपने घर जाने का भी मौका नहीं मिलता जो कि स्वस्थ कार्य संस्कृति नहीं है।
अभिनेता-अभिनेत्री की वर्किंग ऑवर्स को लेकर सवाल
डायरेक्टर ने आगे कहा कि एक एक्टर के लिए कैमरे के सामने एक खास तरीके से दिखना और खुद को फिट रखना जरूरी होता है। इसलिए जब कोई अभिनेता वर्किंग ऑवर्स को लेकर सवाल उठाता है तो उसके पीछे की वजह को समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “दीपिका ने इस बातचीत की शुरुआत की है। इसलिए जरूरी है कि हम समझें कि यह मांग क्यों उठी है और इसके पीछे का वास्तविक कारण क्या है। सिर्फ बयान को देखकर राय बनाना उचित नहीं होगा।”
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एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना की तारीफ में चार चंद
हालांकि, इसी बातचीत के दौरान आदित्य सरपोतदार ने एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का उदाहरण देते हुए उनकी तारीफ भी की। उन्होंने कहा, “रश्मिका 12 घंटे काम करती हैं और उन्होंने कभी शिकायत नहीं की। शायद वो अपने करियर के उस दौर में हैं जहां वे इस तरह का वर्कलोड झेल सकती हैं। लेकिन यह सभी के लिए समान रूप से लागू नहीं हो सकता। हर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्षमता अलग होती है।”
क्या यह बात सही है?
इस बीच खबरें हैं कि दीपिका अपनी इसी 8 घंटे की कार्य नीति और कुछ अन्य डिमांड्स के चलते दो बड़ी फिल्मों ‘स्पिरिट’ और ‘कल्कि पार्ट 2’ से बाहर हो गई हैं। बताया जा रहा है कि मेकर्स को उनकी शर्तें मंजूर नहीं थी, इसलिए उन्होंने दीपिका को रिप्लेस करने का फैसला किया।
इंडस्ट्री की टाइमिंग पर सवाल
दीपिका के बयान के बाद यह मुद्दा अब सिर्फ एक्ट्रेस की पसंद या नापसंद का नहीं रह गया है, बल्कि पूरी इंडस्ट्री में काम के घंटे और कलाकारों की सीमाओं पर गहरी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोग इसे मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ रहे हैं तो कुछ इसे स्टारडम के नखरे के रूप में देख रहे हैं। एक बात तो तय है कि दीपिका ने इस बहस की शुरुआत कर दी है और अब यह चर्चा यहीं खत्म होने वाली नहीं है।

