Lucknow: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मंगलवार सुबह राजधानी लखनऊ से एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹50,000 के इनामी अपराधी सच्चिदानंद पांडेय को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी प्रतापगढ़ जिले के चर्चित अधिवक्ता भानू प्रताप पांडेय हत्याकांड के सिलसिले में की गई है। आरोपी पर थाना सांगीपुर जनपद प्रतापगढ़ में कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज था।
चारबाग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तारी
एसटीएफ ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर सच्चिदानंद पांडेय को मंगलवार सुबह सुबह करीब 7:30 बजे लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के ऑटो स्टैंड से गिरफ्तार किया गया। वह किसी ट्रेन से फरार होने की फिराक में था।
गिरफ्तारी की कार्रवाई एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ के पर्यवेक्षण में की गई। टीम में उपनिरीक्षक अतुल चतुर्वेदी, प्रदीप कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी नीरज कुमार पांडेय, राजीव कुमार और आरक्षी श्रीराम सिंह शामिल थे।
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इनामी और फरार घोषित था आरोपी
सच्चिदानंद पांडेय निवासी ग्राम बवारिहा पहाड़पुर, थाना सांगीपुर, प्रतापगढ़ का रहने वाला है। वह लंबे समय से फरार चल रहा था और उसकी गिरफ्तारी पर प्रतापगढ़ पुलिस ने ₹50,000 का इनाम घोषित कर रखा था।
तालाब के कब्जे के विवाद से उपजा खूनी संघर्ष
पूछताछ में सच्चिदानंद ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि उसके रिश्तेदार और ग्राम प्रधान देवदत्त शुक्ला के साथ मिलकर वह अपने गांव के पास स्थित एक तालाब के कब्जे को लेकर अधिवक्ता भानू प्रताप पांडेय से विवाद में उलझा हुआ था।
22 अक्टूबर 2025 को उसने अपने साथियों कमलनरायण पांडेय, देवदत्त शुक्ला, आदित्य पांडेय, सौरभ दत्त शुक्ल, विपिन शुक्ल और अन्य लोगों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से भानू प्रताप पांडेय व उनके परिवार पर जानलेवा हमला किया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल भानू प्रताप की 4 नवंबर 2025 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
हत्या के बाद से फरार था आरोपी
इस घटना के बाद पीड़ित पक्ष की ओर से अभिषेक पांडेय ने थाना सांगीपुर में एफआईआर दर्ज कराई थी। मामला दर्ज होने के बाद से ही सच्चिदानंद फरार था। आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि इनाम घोषित होने के बाद वह लगातार स्थान बदलकर पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था और किसी अन्य शहर भागने की योजना बना रहा था।
एसटीएफ की लगातार निगरानी में थी गतिविधियां
एसटीएफ की टीम पिछले कई दिनों से फरार और इनामी अपराधियों की लोकेशन और नेटवर्क पर नजर रखे हुए थी। पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के पर्यवेक्षण में गठित टीम ने लगातार अभिसूचना संकलन किया और मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई कर आरोपी को लखनऊ से दबोच लिया। प्रतापगढ़ पुलिस और एसटीएफ का मानना है कि इस गिरफ्तारी से हत्याकांड से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने में मदद मिलेगी और मामले की जांच में नई दिशा मिल सकती है।

