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लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। विस्फोट में इस्तेमाल i20 कार फरीदाबाद के डीलर से चार दिन पहले खरीदी गई थी और सात बार हाथ बदल चुकी थी। एनआईए, एनएसजी और दिल्ली पुलिस इस हमले की जांच कर रही हैं।
चार दिन पहले खरीदी थी कार
New Delhi: दिल्ली सोमवार शाम उस वक्त दहल उठी जब लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास रेड लाइट पर खड़ी एक हुंडई i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। यह विस्फोट इतना भयानक था कि आसपास की गाड़ियों के शीशे टूट गए, सड़क पर अफरा-तफरी मच गई और मलबे में झुलसे लोगों की चीखें गूंज उठीं। इस धमाके में अब तक 13 लोगों की मौत और 30 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
धमाके के बाद पुलिस ने जब वाहन की जानकारी जुटाई तो बड़ा खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई हुंडई i20 कार फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित एक डीलर रॉयल कार जोन से चार दिन पहले ही खरीदी गई थी। डीलर सोनू ने यह कार OLX पर ऑनलाइन बेचने के लिए विज्ञापन पोस्ट किया था। इसके बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने संपर्क कर नकद में कार खरीदी। पुलिस को शक है कि कार खरीदने वाले ने फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया। फरीदाबाद पुलिस ने सोनू को हिरासत में लेकर पूछताछ की और फिर उसे दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के हवाले कर दिया गया।
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दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि यह कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी और पिछले एक साल में सात बार बेची जा चुकी थी। कार का रजिस्ट्रेशन नंबर HR 26 CE 7674 है। यह कार पहले गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम पर थी। सलमान ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने यह कार ओखला निवासी देवेंद्र को बेची थी। देवेंद्र ने आगे इसे अंबाला निवासी व्यक्ति को बेच दिया, और वहां से यह कार पुलवामा निवासी तारिक के पास पहुंची।
दिल्ली पुलिस और एनआईए की टीमें अब इस मामले में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में कुछ संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि इस धमाके की साजिश का पुलवामा मॉड्यूल से सीधा संबंध हो सकता है। दरअसल, 2019 में पुलवामा में भी इसी तरह विस्फोटकों से भरी कार से हमला किया गया था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। इस बार भी कार बम के पीछे एक सुनियोजित नेटवर्क की संभावना जताई जा रही है।
फोरेंसिक जांच से यह पुष्टि हुई है कि धमाका कार के पिछले हिस्से में हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, आतंकी कार के डिक्की सेक्शन में आईईडी छिपाने की तकनीक अपनाते हैं क्योंकि वहां कम जांच होती है और विस्फोट की स्थिति में शॉकवेव ज्यादा प्रभावी होती है। पुलिस ने बताया कि मौके पर आईईडी सर्किट, वायरिंग और टाइमर डिवाइस के अवशेष मिले हैं। कार के पीछे के हिस्से का अधिकांश मलबा सड़क पर बिखरा हुआ था।
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दिल्ली पुलिस ने धमाके के ठीक पहले और बाद के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। एक वीडियो में कार को शाम करीब 3:15 बजे सुनहरी मस्जिद के पास पार्किंग में जाते हुए देखा गया। करीब तीन घंटे तक कार वहीं खड़ी रही और शाम 6:48 बजे पार्किंग से निकली। इसके मात्र चार मिनट बाद यानी 6:52 बजे सुभाष मार्ग रेड लाइट पर धमाका हो गया। फुटेज से साफ है कि कार को सटीक टाइमिंग और स्थान पर विस्फोटित किया गया, जिससे जांच एजेंसियां इसे रिमोट-ट्रिगर या टाइमर आधारित बम मान रही हैं।
दिल्ली में हुए इस धमाके के बाद दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाणा, मुंबई, उत्तराखंड और पंजाब में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, एयरपोर्ट और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अयोध्या के राम मंदिर परिसर और नागपुर स्थित संघ मुख्यालय की सुरक्षा को भी सख्त किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साझा करने के निर्देश दिए गए हैं।