New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर आतंकी खतरे की जद में है। लालकिले के पास हुए धमाके के बाद जांच में जो बातें सामने आई हैं, उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में एक संदिग्ध आतंकी लाल रंग की ईको स्पोर्ट्स कार (DL-10 CK 045) में घूमता दिखाई दिया है। इस कार का रजिस्ट्रेशन दिल्ली का है, जिससे आशंका और गहरी हो गई है कि आतंकी स्थानीय संपर्कों की मदद से शहर में छिपा हुआ है।
दो कारों से दिल्ली में दाखिल हुए थे आतंकी
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फरीदाबाद मॉड्यूल के दो संदिग्ध आतंकी दो अलग-अलग कारों में दिल्ली पहुंचे थे। एक हरियाणा नंबर की आई-20 कार, जिससे लालकिले के सामने धमाका किया गया, और दूसरी लाल रंग की ईको स्पोर्ट्स कार, जो अब तक पकड़ी नहीं गई है। दोनों कारें बदरपुर बॉर्डर से एक साथ दिल्ली में दाखिल हुईं और चांदनी चौक की पार्किंग में कुछ समय के लिए साथ रहीं। सीसीटीवी फुटेज में दोनों वाहनों को लालकिले और आसपास के इलाकों में एक साथ घूमते देखा गया।
बम धमाके के बाद मिला सुराग
धमाके वाली जगह से जो दो कारतूस बरामद हुए हैं, वे सरकारी नहीं हैं, यानी उनका इस्तेमाल पुलिस या किसी सुरक्षा बल द्वारा नहीं किया गया था। इससे यह साफ हो गया कि धमाका किसी आतंकी ग्रुप की साजिश का हिस्सा था। स्पेशल सेल की जांच टीम ने दावा किया है कि फरीदाबाद में बरामद भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और लालकिले धमाके में इस्तेमाल बम के घटकों में समानता है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि धमाका घबराहट में खुद को उड़ाने वाले आतंकी उमर मोहम्मद ने किया था, जो फरीदाबाद से फरार हुआ था।
फरीदाबाद से लालकिले तक दहशत
फरीदाबाद में पुलिस की छापेमारी के दौरान गिरफ्तार हुए कुछ संदिग्धों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मॉड्यूल हरियाणा, यूपी, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली तक फैला हुआ था। पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टरों की भूमिका भी उजागर की है। डॉ. उमर मोहम्मद इस नेटवर्क का अहम हिस्सा था। उसके सहयोगी डॉ. मुजम्मिल अहमद और डॉ. शाहीन पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मुजम्मिल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है और जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क से जुड़ा था।
धमाके के पीछे घबराहट या बड़ी साजिश?
जांच एजेंसियों का मानना है कि फरीदाबाद में दो साथियों की गिरफ्तारी के बाद उमर मोहम्मद डर गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने लालकिले के पास धमाका कर खुद को उड़ाया। हालांकि, जांच में यह भी शक जताया जा रहा है कि धमाका आत्मघाती नहीं था, बल्कि किसी बड़े हमले की पूर्व तैयारी थी जो गलती से समय से पहले हो गया।
कंधार हाईजैक कड़ी से जुड़ा धागा
आतंकी नेटवर्क के कुछ तार 1999 के कंधार हाईजैक कांड से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, जिस व्यक्ति ने लाल ईको स्पोर्ट्स कार खरीदी थी, उसका नाम आमिर है, जो आतंकी उमर का सगा भाई है। दोनों भाइयों के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पुराने नेटवर्क से जुड़े होने की पुष्टि खुफिया एजेंसियां कर चुकी हैं।
हाई अलर्ट पर राजधानी
दिल्ली पुलिस, एनआईए और आईबी की संयुक्त टीमें अब उस लाल ईको स्पोर्ट्स कार की तलाश में जुटी हैं। शहर में जगह-जगह पिकेटिंग और नाकेबंदी की गई है। हर प्रवेश मार्ग, खासकर बदरपुर बॉर्डर, दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे और पूर्वी दिल्ली के रास्तों पर चेकिंग अभियान चल रहा है।
लापरवाही पर उठे सवाल
हालांकि दिल्ली पुलिस का दावा है कि राजधानी को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि फरीदाबाद में विस्फोटक बरामद होने के बाद भी दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाई नहीं गई थी। अगर समय पर चौकसी बरती जाती, तो शायद लालकिले धमाका रोका जा सकता था।

