Gorakhpur: महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने एक बार फिर अपनी सूझबूझ और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए दीपक और सुशीला देवी के बिखरते परिवार को टूटने से बचा लिया। वैवाहिक विवाद और मतभेदों के कारण दोनों के रिश्ते टूटने के कगार पर पहुंच चुके थे। कई महीनों से चल रहे मनमुटाव ने परिवार में निराशा पैदा कर दी थी।
काउंसलिंग के माध्यम से बहाल हुआ संवाद
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देशन में केंद्र की टीम ने मामले को गंभीरता से लिया। काउंसलर श्री वशिष्ठ राय, श्री योगेंद्र गौड़ और श्री अवनीश चौधरी ने संवेदनशीलता और समझदारी के साथ दोनों पक्षों को एक-दूसरे का दृष्टिकोण समझाया। लगातार काउंसलिंग सत्रों के माध्यम से पति-पत्नी के बीच संवाद का मार्ग खुला और दोनों की दूरियाँ धीरे-धीरे कम होती गईं।
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टीम के आरक्षी मनीषा दुबे, आरक्षी सोनी यादव, आरक्षी शिखा श्री, आरक्षी अंतिमा तिवारी और आरक्षी ऋतु सिंह ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पति-पत्नी को जिम्मेदारियों का एहसास कराया और पारस्परिक सम्मान, विश्वास व सहयोग के महत्व को समझाया।
मतभेदों को भुलाकर दोबारा साथ रहने का निर्णय
काउंसलिंग के कई दौर के बाद दीपक और सुशीला देवी ने अपने मतभेदों को भुलाकर दोबारा साथ रहने का निर्णय लिया। दोनों ने परिवार परामर्श केंद्र के सामने कहा कि अब वे खुशी-खुशी एक साथ रहेंगे और अपनी जिम्मेदारियों को मिलकर निभाएंगे।
परिवार परामर्श केंद्र का संदेश
केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि परिवार समाज की सबसे मजबूत इकाई है, और अगर संवाद कायम रहे तो कोई भी रिश्ता टूटता नहीं। उनका कहना है कि परामर्श केंद्र का उद्देश्य ऐसे विवादित दंपतियों को आपसी सहमति और समझदारी के माध्यम से जोड़ना है।
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सफलता का उदाहरण
गोरखपुर परिवार परामर्श केंद्र ने दीपक और सुशीला के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए इसे टीमवर्क और मानवीय संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। यह साबित करता है कि रिश्तों की बात हो तो थोड़ी समझ और सही मार्गदर्शन से हर दरार भरी जा सकती है।

