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छांगुर के धर्मांतरण नेटवर्क की जांच में अब ईडी की एंट्री, जानें अब क्या होगा एक्शन

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण मामले के मुख्य आरोपी छांगुर बाबा से अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ करेगा। मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से जांच को आगे बढ़ाने के लिए ईडी ने छांगुर और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन की कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। इससे पहले एटीएस छांगुर और नसरीन से सात दिन तक पूछताछ कर चुकी है।
Post Published By: Asmita Patel
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छांगुर के धर्मांतरण नेटवर्क की जांच में अब ईडी की एंट्री, जानें अब क्या होगा एक्शन

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराने के मामले में मुख्य आरोपी छांगुर बाबा की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में एंट्री लेते हुए छांगुर और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन की कस्टडी रिमांड मांगी है। ईडी ने 10 दिन की रिमांड के लिए अदालत में अर्जी डाली है। ईडी की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि अब जांच सिर्फ धार्मिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके वित्तीय पहलुओं की भी गहराई से जांच की जाएगी। माना जा रहा है कि धर्मांतरण की आड़ में हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा रैकेट चलाया जा रहा था।

ATS पहले ही ले चुकी है रिमांड

इससे पहले उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) ने छांगुर और उसकी महिला सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को सात दिन की कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। 5 जुलाई 2025 को, एटीएस ने छांगुर और नसरीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 जुलाई को दोनों को सात दिन की रिमांड पर लिया गया। एटीएस की कई टीमों ने दोनों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की थी।

धर्मांतरण का नेटवर्क 15 साल से सक्रिय

एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश के अनुसार, छांगुर बाबा पिछले 15 वर्षों से धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहा था। उसके नेटवर्क में शामिल लोग गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं और यह गिरोह जरूरतमंदों, गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था। इस काम के लिए विदेशों से आर्थिक मदद मिलने की भी आशंका है, जिसे लेकर अब ईडी की जांच और अधिक अहम हो जाती है।

नवंबर 2024 में दर्ज हुई थी एफआईआर

धर्मांतरण मामले की शुरुआत नवंबर 2024 में हुई थी, जब बलरामपुर के रेहरा माफी निवासी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके बेटे महबूब समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एटीएस ने अपनी प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि की कि आरोपी लोगों को धर्म के नाम पर बरगलाकर उनका मतांतरण कराते थे और इसके बदले उन्हें वित्तीय लाभ पहुंचाए जाते थे।

अब जांच का दायरा होगा और व्यापक

ईडी द्वारा कस्टडी रिमांड मांगे जाने के बाद इस पूरे मामले का दायरा अब और बढ़ गया है। ईडी इस बात की जांच करेगी कि विदेशी फंडिंग कहां से आ रही थी, किसके खातों में पैसे जा रहे थे और उन्हें किस काम में खर्च किया जा रहा था। इसके साथ ही यह भी जांच का हिस्सा होगा कि क्या यह नेटवर्क मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला जैसे अवैध वित्तीय गतिविधियों में लिप्त था।

नवीन रोहरा पर जांच तोज

ईडी की रिमांड में शामिल नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, वह छांगुर बाबा के नेटवर्क में वित्तीय लेनदेन और विदेशी संपर्क संभालता था। ईडी उससे पूछताछ कर इस नेटवर्क के मौलिक आर्थिक स्रोतों तक पहुंचना चाहती है।

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