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तेजस्वी ने बचाया RJD का किला: राघोपुर में फिर चला लालू परिवार का जादू, कड़ी चुनौती के बाद मिली जीत

32 राउंड की गिनती के बाद तेजस्वी ने अपने प्रतिद्वंद्वी सतीश कुमार को हराकर राघोपुर सीट एक बार फिर जीत ली। तीसरी बार विधायक बनने जा रहे तेजस्वी को 1.18 लाख से अधिक वोट मिले। कई चरणों में पीछे रहने के बावजूद जनता ने भरोसा जताया।
Post Published By: Asmita Patel
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तेजस्वी ने बचाया RJD का किला: राघोपुर में फिर चला लालू परिवार का जादू, कड़ी चुनौती के बाद मिली जीत

Raghopur: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में जहां कई बड़े नेताओं को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वहीं राघोपुर सीट पर मुकाबला बेहद रोचक रहा। अंततः आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर जीत दर्ज की। 32 राउंड की लंबी गिनती के बाद तेजस्वी ने 118597 वोट हासिल किए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार सतीश कुमार को 104065 वोट मिले।

कई राउंड में पीछे रहे तेजस्वी

गिनती के शुरुआती राउंड में तेजस्वी यादव को बढ़त मिलती रही, लेकिन कुछ राउंड में वे पीछे भी चले गए। कई बार ऐसा लगा कि मुकाबला बीजेपी के सतीश कुमार पलट सकते हैं। माहौल में तनाव था, सोशल मीडिया पर चर्चा तेज थी और सियासी गलियारों में सवाल उठने लगे थे कि क्या राघोपुर में इस बार बदलाव हो जाएगा।

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तेजस्वी के लिए सबसे चुनौतीभरा चुनाव

तेजस्वी यादव के चुनावी जीवन में यह चुनाव सबसे चुनौतीपूर्ण माना जा रहा था। इस बार राघोपुर क्षेत्र में कुछ यादव मतदाता समेत कई जातियों में नाराजगी देखी जा रही थी। कहा जा रहा था कि स्थानीय मुद्दों, प्रत्याशी से दूरी और क्षेत्र में कम उपस्थिति को लेकर कुछ लोग असंतुष्ट थे।

राघोपुर सीट का राजनीतिक इतिहास

राघोपुर बिहार की उन खास विधानसभा सीटों में से है जहाँ लालू परिवार का प्रभाव तीन दशकों से कायम है।
• 1995: लालू प्रसाद यादव ने पहली बार यहां से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की।
• चारा घोटाले में जेल जाने के बाद राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं, तब भी राघोपुर में RJD प्रत्याशी जीता।
• 2000: लालू यादव दूसरी बार विधायक बने।
• उसी वर्ष उपचुनाव में राबड़ी देवी पहली बार यहां से विधायक चुनी गईं।
• 2005 (फरवरी और नवंबर): राबड़ी देवी लगातार दो बार फिर जीतीं।
• 2010: यह वर्ष लालू परिवार के लिए झटका रहा। बीजेपी प्रत्याशी सतीश राय ने राबड़ी देवी को लगभग 13 हजार वोटों से हरा दिया।
• 2015: तेजस्वी यादव पहली बार यहां से विधायक चुने गए।
• 2020: दूसरी बार जीत।
• 2025: अब तीसरी बार विधायक बनकर उन्होंने इस सीट को फिर अपने परिवार की झोली में बरकरार रखा।

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राघोपुर सीट की खासियत

राघोपुर दियारा क्षेत्र प्राकृतिक चुनौतियों से घिरा है। हर साल बाढ़ और कटाव का खतरा बना रहता है। इन हालातों में, मतदाताओं का झुकाव आमतौर पर ऐसे नेता की ओर होता है जो स्थानीय मुद्दों से जुड़ा रहे। तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान राघोपुर को खास तवज्जो दी। उनकी सभाओं में भीड़ उमड़ी और वे दियारा क्षेत्र में लोगों से सीधे जाकर मिले।

बीजेपी के सतीश कुमार की मजबूत चुनौती

सतीश कुमार ने 2010 में राघोपुर की सीट BJP को दिलाई थी। इस बार भी वे मैदान में मजबूती से उतरे। कई राउंड में उनकी बढ़त ने पूरे चुनाव को रोमांचक बना दिया थे। लेकिन तेजस्वी की पारिवारिक ताकत, जमीनी पकड़ और पुराने समीकरणों का असर अंत में भारी पड़ा।

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