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Bihar Polls: हॉट सीट पटना साहिब से डाइनामाइट न्यूज़ की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट, जनता ने बताया- अबकी बार बिहार में किसकी सरकार?

बिहार चुनाव की सबसे हॉट सीट पटना साहिब पर इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने 'बिहार में का बा' कार्यक्रम में जनता की राय जानी। जानिए कौन बन रहा है जनता की पहली पसंद?
Post Published By: सौम्या सिंह
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Bihar Polls: हॉट सीट पटना साहिब से डाइनामाइट न्यूज़ की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट, जनता ने बताया- अबकी बार बिहार में किसकी सरकार?

Patna: बिहार चुनाव की सरगर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे हर सीट पर राजनीतिक तापमान भी चढ़ता जा रहा है। लेकिन अगर बात पटना साहिब की हो तो यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार चुनाव की चर्चा पटना साहिब का नाम लिए बिना अधूरी है। डाइनामाइट न्यूज़ का कारवां अब पहुंच चुका है इस हॉट सीट पर, जहां सियासत का माहौल चरम पर है और जनता के मन में सवाल बस एक- “अबकी बार किसकी सरकार?”

अबकी बार कौन जीतेगा बाजी?

पटना साहिब सीट पर इस बार सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर बीजेपी ने किया है। पार्टी ने अपने सात बार के विजेता विधायक नंद किशोर यादव को टिकट न देकर चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है। नंद किशोर यादव ने इस सीट पर लगातार जीत दर्ज की थी और उन्हें पटना साहिब का निर्विवाद चेहरा माना जाता था। लेकिन इस बार बीजेपी ने रत्नेश कुशवाहा पर भरोसा जताया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला पूरी तरह कुशवाहा वोट बैंक को साधने की रणनीति के तहत लिया गया है, क्योंकि पटना साहिब सीट पर लगभग 80,000 कुशवाहा मतदाता मौजूद हैं, जो इस सीट के परिणाम को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

महागठबंधन ने भी कसी कमर- मैदान में हैं सुशांत शेखर

वहीं, महागठबंधन (कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन) ने इस सीट से सुशांत शेखर को उम्मीदवार बनाया है। सुशांत शेखर युवा चेहरा माने जाते हैं और जमीनी स्तर पर उनकी पकड़ मजबूत मानी जा रही है।महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि “जनता बदलाव चाहती है और इस बार पटना साहिब से नई सोच की शुरुआत होगी।”

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जनता की नब्ज- “बिहार में का बा” से खुला रुझान

डाइनामाइट न्यूज़ के खास कार्यक्रम “बिहार में का बा” में जब टीम ने पटना साहिब के बाजारों, मोहल्लों और चाय की दुकानों पर जनता की राय जानी, तो माहौल काफी दिलचस्प नजर आया। जहां एक ओर कई मतदाता बीजेपी की नीतियों से संतुष्ट नजर आए, वहीं दूसरी ओर एक बड़ा वर्ग बदलाव की बात करता दिखा।

एक स्थानीय व्यापारी ने कहा- नंद किशोर यादव का टिकट काटना BJP के लिए रिस्क है, लेकिन रत्नेश कुशवाहा मेहनती हैं, जातीय समीकरण भी उनके पक्ष में हैं। वहीं, एक युवा मतदाता ने कहा- अबकी बार काम की बात होगी, सिर्फ जाति से वोट नहीं मिलेगा। रोजगार और शिक्षा असली मुद्दा है।

बिहार में कौन बन रहा है जनता की पहली पसंद?

पटना साहिब के मतदाताओं का समीकरण

पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या और जातीय समीकरण चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। यहाँ करीब 80,000 वैश्य (कुशवाहा) मतदाता हैं, जो जीत-हार का अंतर तय करते हैं। इसके अलावा कोइरी, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। यादव वोटर इस क्षेत्र में संतुलन बनाने वाले साबित होते हैं- यानी उनका झुकाव जिस ओर भी जाएगा, वही इस चुनाव का रुख तय करेगा।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, क्योंकि जेडीयू के स्थानीय प्रभाव के साथ-साथ महागठबंधन और बीजेपी दोनों के लिए यह सीट “प्रतिष्ठा की जंग” बन चुकी है।

विकास बनाम जातीय समीकरण मुद्दों पर फोकस

डाइनामाइट न्यूज़ की जमीनी कवरेज में यह साफ दिखा कि जनता सिर्फ जातीय राजनीति नहीं, बल्कि विकास, बेरोजगारी और शिक्षा को भी मुद्दा बना रही है। जहां कुछ लोग बीजेपी के कामकाज और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं से प्रभावित हैं, वहीं अन्य वर्गों का कहना है कि “स्थानीय स्तर पर बदलाव की जरूरत है।”

राजनीतिक तापमान चरम पर

चुनाव से पहले ही पटना साहिब का माहौल राजनीतिक नारों, जुलूसों और सभाओं से गर्म हो चुका है। हर पार्टी अपनी-अपनी रणनीति में जुटी है और यह सीट एक बार फिर मीडिया और जनता की नजरों का केंद्र बन गई है।

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डाइनामाइट न्यूज़ की कवरेज जारी

डाइनामाइट न्यूज़ की टीम लगातार पटना साहिब की गलियों, बाजारों और मोहल्लों में घूमकर जनता की राय जुटा रही है। “बिहार में का बा” कार्यक्रम में लोगों ने बेबाकी से अपनी बात रखी और बताया कि बिहार का ताज किसके सिर सजेगा। एक बात तो तय है- इस बार पटना साहिब की सीट सिर्फ पटना या बिहार की नहीं, बल्कि पूरे देश की सियासत में अहम भूमिका निभाने जा रही है। अब देखना यह होगा कि 80,000 कुशवाह वोटों का गणित और जनता का मूड किसे विधानसभा तक पहुंचाता है- रत्नेश कुशवाहा या सुशांत शेखर?

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