Site icon Hindi Dynamite News

बिहार चुनाव में रंगदार और रंगदारी की हुई एंट्री, जानिए क्या है पूरा मामला?

बिहार चुनाव में एनडीए ने 'रंगदारी' और 'जंगल राज' को लेकर आरजेडी पर जमकर हमला बोला है। पीएम मोदी और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी ने इसे अपराध का चिन्ह बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या है रंगदार और रंगदारी शब्द का अर्थ?
Post Published By: Shiwali Keshari
Published:
बिहार चुनाव में रंगदार और रंगदारी की हुई एंट्री, जानिए क्या है पूरा मामला?

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले राज्य की गलियों में ‘रंगदारी‘ शब्द सियासी बवाल का केंद्र बन गया है। NDA के नेता इसे पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल का ‘जंगल राज’ का प्रतीक मान रहे हैं, जबकि विपक्षी दल इसे चुनावी प्रोपेगेंडा बता रही है, लेकिन सवाल उठता है कि रंगदारी शब्द क्या है, रंगदार कौन होता है और यह बिहार चुनाव में क्यों छाया हुआ है?

क्या है रंगदारी?

रंगदारी, जिसे ‘रंगदारी टैक्स’ भी कहते है, इसे राज्य में अवैध वसूली की प्रथा कहा जाता है। ये अवैध वसूली एक्सटॉर्शन का एक रूप है, जहां अपराधी या गुंडे व्यवसायियों, ठेकेदारों या आम लोगों से ‘प्रोटेक्शन मनी’ के नाम पर जबरन पैसे वसूलते हैं।

इस एक्सटॉर्शन की जड़ें 1990 के दशक में पनपना शुरु हुई, जब कोई व्यक्ति राजनीतिक संरक्षण में लोगों से जबरन पैसे वसूलता था। इन्हीं को रंगदार कहते हैं। यह रंगदार किसी बाजार, किसी इलाके, किसी गांव का, किसी कस्बे का हो सकता है।

स्थानीय लोगों के अंदर इनके प्रति डर का माहौल रहता था। ये ‘रंगदार’ पॉलिटिशियन के गुर्गे, अंडरवर्ल्ड या हिस्ट्री शीटर क्रिमिनल्स के एजेंट होते हैं। बिहार के कई इलाकों में यह प्रथा अब भी छिटपुट रूप से जारी है, हालांकि पुलिस दावा करती है कि इसे काफी हद तक बंद कर दिया गया है।

आरजेडी ने रंगदारी को बढ़ाया (Image: Internet)

कहां से शुरु हुआ रंगदारी का मामला

रंगदारी शब्द का इतिहास बिहार की राजनीति के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। 1990-2005 के बीच RJD सरकार को कथित तौर पर जंगल राज’ कहा जाता है, क्योंकि आरजेडी के शासनकाल में अपहरण, हत्या और एक्सटॉर्शन की घटनाएं काफी बढ़ गई थीं। राज्य में जितने भी ‘रंगदार’ होते थे वो राजनीतिक दलों के संरक्षण में फलते-फूलते थे।

Bihar Polls: बिहार चुनाव के बीच पटना एयरपोर्ट पर रवि किशन के साथ दिखे तेज प्रताप, क्या किसी नए समीकरण की शुरुआत?

PM ने रंगदारी को बताया RJD का पुराना धंधा

अब 2025 के विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि NDA इसे RJD के खिलाफ रैलियों में इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औरंगाबाद की रैली में कहा कि आरजेडी के लोग इंतजार कर रहे हैं कि उनकी सरकार बने और अपहरण व रंगदारी का पुराना धंधा फिर से शुरू हो जाए। उन्होंने आरजेडी के एक पुराने गीत का जिक्र करते हुए कहा, “आएगी भैया की सरकार, बनेंगे रंगदार।”

Bihar Polls: बिहार चुनाव के बीच पटना एयरपोर्ट पर रवि किशन के साथ दिखे तेज प्रताप, क्या किसी नए समीकरण की शुरुआत?

PM ने आरजेडी शासनकाल कोजंगल राजऔरविनाशका प्रतीक बताया, जबकि एनडीए को ‘विकास’ और सुशासन का प्रतीक कहा। इसी क्रम में, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि RJD पार्टी ‘रंगदारी, जंगल राज और दादागिरी’ की पहचान बन चुकी है।

Exit mobile version