दलित लेखक की कोल्हापुर में घर में घुसकर हत्या

डीएन ब्यूरो

कृष्ण किरवाले के प्रमुख योगदान में दलित एवं ग्रामीण साहित्य का शब्दकोश है। यह परियोजना राज्य सरकार के तहत चलायी गयी थी।

ग्राफिक्स चित्रण
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कोल्हापुर: अंबेडकरवादी लेखक और चिंतक डा. कृष्ण किरवाले पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर में स्थित अपने मकान में शुक्रवार की शाम मृत पाए गए। किरवाले के शरीर पर चाकू से तीन-चार बार वार किए गए थे, जिस कारण उनकी मृत्‍यु हो गई।

पुलिस ने बताया कि अरिहंत कालोनी स्थित उनके आवास से मिले शव पर चाकू से कई बार मारे जाने के निशान मिले हैं। 61 साल के किरावले कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय के मराठी विभाग के प्रमुख के पद से पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए थे। पुलिस के मुताबिक, किरवाले पर प्रीतम पाटिल ने चाकू से तीन-चार पर वार किए, जो अपने पिता के साथ वहीं फर्नीचर की दुकान चलाते हैं।

        

अंबेडकरवादी लेखक और चिंतक डा. कृष्ण किरवाले

                 

बताया जा रहा है कि किरवाले की प्रीतम से पैसों को लेकर कोई बहस हो गई थी। प्रीतम ने किरवाले के घर में फर्नीचर का काम किया था, जिसके वह पैसे लेने के लिए पहुंचा था। इसके बाद ही आवेश में आकर प्रीतम ने किरवाले पर चाकू से कई वार कर दिए। इसके बाद प्रीतम वहां से फरार हो गया। लेकिन पुलिस ने प्रीतम को जल्‍द ही हिरासत में ले लिया।

 

किरवाले के प्रमुख योगदान में दलित एवं ग्रामीण साहित्य का शब्दकोश है। यह परियोजना राज्य सरकार के तहत चलायी गयी थी। उनकी अन्य पुस्तकों में दलित साहित्यकार बाबूराव बांगुल की जीवनी शामिल है। किरवाले ने अम्बेडकरवादी साहित्य पर विशेष रूप से तथा मराठी साहित्य पर कई बार व्याख्यान दिये थे।

किरवाले के निधन पर शोक जताते हुए विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गयी है। केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सरकार को किरवाले की हत्या की जांच के आदेश देने चाहिए और दोषी को दंडित करना चाहिए।

 










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