Sonbhadra: ओबरा तहसील के आदिवासी, दलित और अन्य समुदायों के किसान इन दिनों आवारा पशुओं की समस्या से बेहद परेशान हैं। खेतों में दिन-रात घूम रहे यह मवेशी उनकी मेहनत की कमाई को नष्ट कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने हर संभव प्रयास किया, लेकिन इन जानवरों को रोक पाना मुश्किल हो गया है।
स्थानीय किसान अमरनाथ उजाला, जो स्वयं आदिवासी समुदाय से आते हैं, ने बताया कि वे पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीते चार-पांच वर्षों से ओबरा नगर और आसपास के इलाकों से छोड़े गए आवारा पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में लगभग 40 से 50 जानवर खेतों में खुलेआम घूमते रहते हैं। ये जानवर अरहर, मकई, उरद, तिल्ली, बेतरी और धान जैसी मुख्य फसलों को नुकसान पहुँचा रहे हैं।

