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Video: महराजगंज में बिहार की मशहूर डिश लिट्टी-चोखा का जलवा, गुप्ता जी की दुकान पर लगती है स्वाद के दीवानों की भीड़

महराजगंज में बिहार की मशहूर डिश लिट्टी-चोखा का जलवा इन दिनों खूब देखने को मिल रहा हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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Video: महराजगंज में बिहार की मशहूर डिश लिट्टी-चोखा का जलवा, गुप्ता जी की दुकान पर लगती है स्वाद के दीवानों की भीड़

महराजगंज: बिहार की पारंपरिक और बेहद लजीज़ व्यंजन लिट्टी-चोखा अब महराजगंज में भी लोगों की पहली पसंद बन चुका है। जिले में स्थित गुप्ता जी की 25 साल पुरानी दुकान आज भी उतनी ही लोकप्रिय है, जितनी शुरुआत के दिनों में थी। सुबह से लेकर देर रात तक यहां लिट्टी चोखा के शौकीनों की लंबी कतार लगी रहती है। आम जनता से लेकर अफसरान तक, सभी गुप्ता जी के हाथों के बने स्वादिष्ट लिट्टी का लुत्फ उठाने पहुंचते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बिहार से निकलकर यह डिश अब पूरे देश में लोकप्रिय हो चुकी है। लेकिन महराजगंज के गुप्ता जी की लिट्टी में कुछ खास बात है। यहाँ मिलने वाला चोखा बैगन, टमाटर और आलू के मेल से बना हुआ लिट्टी को और भी जायकेदार बना देता है। ग्राहकों का कहना है कि यहां की लिट्टी चोखा का स्वाद “पूरे नंबर” वाला है।

स्थानीय निवासी अमित गुप्ता कहते हैं, मैं पिछले दस साल से यहीं लिट्टी खा रहा हूं, स्वाद हमेशा एक जैसा रहता है, लाजवाब! वहीं एक अफसर ने बताया, फील्ड विजिट के दौरान जब भी मौका मिलता है, गुप्ता जी की लिट्टी खाने जरूर आता हूं।

गुप्ता जी बताते हैं कि यह व्यवसाय उन्होंने अपने पिता से सीखा और आज भी उसी पारंपरिक तरीके से लिट्टी तैयार करते हैं सात्विक मसाले और गैस की आंच पर कढ़ाई में छनी लिट्टी। यही है उनके स्वाद का राज।

इस बात में कोई दोराय नहीं कि बिहार की यह खास डिश अब महराजगंज की शान बन चुकी है। यदि आप कभी महराजगंज आएं, तो गुप्ता जी की लिट्टी-चोखा जरूर चखें, यह स्वाद शायद ही भूल पाएंगे।

लिट्टी और चोखा का संयोजन एक ऐसा स्वादिष्ट व्यंजन बन गया जो बिहार और झारखंड की पहचान बन गया। लिट्टी का नरम और स्वादिष्ट अंदर और चोखा का तीखा और मसालेदार स्वाद एक दूसरे को पूरक करते हैं। आज, लिट्टी-चोखा पूरे भारत में लोकप्रिय है और इसे विभिन्न रेस्तरां और स्ट्रीट फूड स्टालों पर आसानी से उपलब्ध है। इस प्रकार, लिट्टी-चोखा सिर्फ एक व्यंजन नहीं है, बल्कि यह हमारे इतिहास, संस्कृति और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक ऐसा व्यंजन है जो सदियों से विकसित हुआ है और आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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