Dehradun: मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार, 9 सितंबर के लिए उत्तराखंड के सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। ये अलर्ट पिछले कई दिनों से लगातार जारी किया जा रहा है, हालांकि हकीकत कई बार इसके विपरीत निकलती है। सोमवार को देहरादून समेत कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, लेकिन पूरे दिन मौसम लगभग साफ ही बना रहा।
सुबह आसमान में बादल जरूर छाए रहे, लेकिन दिन चढ़ते ही धूप निकल आई और शाम तक मौसम पूरी तरह साफ हो गया। केवल कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई।
आज कैसा रहेगा मौसम?
मंगलवार के पूर्वानुमान के मुताबिक, प्रदेश के सभी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। खासकर पर्वतीय जिलों उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल, अल्मोड़ा और पौड़ी में मूसलाधार बारिश के आसार हैं। कई स्थानों पर गर्जन और आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावना है।
उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी: कई जिलो में येलो अलर्ट जारी, जानें अपने जिले का हाल
मैदानी इलाकों में ज्यादा सतर्कता जरूरी
हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जैसे मैदानी जिलों में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि यहां जोरदार बारिश की बजाय बिजली चमकने और तेज गर्जन की चेतावनी दी गई है। सोमवार रात को बादलों की गड़गड़ाहट ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी। देहरादून में आज आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे और कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तापमान की बात करें तो अधिकतम 33°C और न्यूनतम 23°C रहने का अनुमान है।
पर्वतीय क्षेत्रों में खतरा ज्यादा, हल्के में न लें चेतावनी
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पिछले कुछ समय से बारिश का मिजाज अचानक बदल जाता है। मूसलाधार बारिश, लैंडस्लाइड और आकाशीय बिजली जैसे खतरे इन क्षेत्रों में आम हैं। ऐसे में येलो अलर्ट को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। सड़कों पर फिसलन, नदी-नालों का जलस्तर बढ़ना, और बिजली गिरने जैसी घटनाएं आम हो सकती हैं। इसलिए स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों को पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
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असली चुनौती: पूर्वानुमान और असल मौसम में अंतर
बीते कुछ दिनों से मौसम विभाग की चेतावनियों और वास्तविक मौसम में फर्क देखा गया है। जहां चेतावनी भारी बारिश की होती है, वहां दिन साफ और धूपभरा निकलता है। ऐसे में लोगों के मन में दुविधा बनी रहती है कि चेतावनी को कितना गंभीरता से लें। हालांकि, ये ध्यान रखना जरूरी है कि मौसम तेजी से बदल सकता है। खासकर पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में, जहां मौसम पल में रंग बदलता है, वहां किसी भी चेतावनी को नजरअंदाज करना जोखिम भरा हो सकता है।

