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उत्तराखंड: कांवड़ मेले को लेकर हरिद्वार में हुई अंतर्राज्यीय बैठक, इन मुद्दों पर हुई चर्चा, लिए गए बड़े फैसले

उत्तराखंड के हरिद्वार में शुक्रवार को आगामी कांवड़ मेले को लेकर अंतरराज्यीय आला अफसरों की बैठक हुई।
Post Published By: Jay Chauhan
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उत्तराखंड: कांवड़ मेले को लेकर हरिद्वार में हुई अंतर्राज्यीय बैठक, इन मुद्दों पर हुई चर्चा, लिए गए बड़े फैसले

हरिद्वार: जनपद  में आगामी कांवड़ मेला 2025 की तैयारी को लेकर मेला नियंत्रण भवन में एक अहम अंतरराज्यीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ सहित हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य मेले को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने की रणनीति तैयार करना था।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कांवड़ मेला लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, इसलिए इससे जुड़े सभी राज्यों का समन्वय आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरती जाएगी और अव्यवस्था फैलाने वाले तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

जानकारी के अनुसार बैठक में यातायात प्रबंधन, सुरक्षा, मेडिकल सुविधा, रूट डायवर्जन, पंजीकरण प्रणाली और अवांछित गतिविधियों की रोकथाम पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे यात्रा में हॉकी स्टिक, बेसबॉल बैट, तलवार या बड़े डीजे सिस्टम जैसे सामान लेकर न चलें, जिससे यातायात और सुरक्षा में व्यवधान उत्पन्न न हो। पुलिस ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करेगी।

डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त निगरानी और सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि माइक्रो लेवल प्लानिंग के तहत रूट डायवर्जन, होल्डिंग क्षेत्र और सुरक्षा बिंदुओं की पहचान कर ली गई है।

इस बार कांवड़ यात्रा शुरू करने वाले श्रद्धालुओं को अपने मूल स्थान से ही पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इससे आवश्यकता पड़ने पर उनकी पहचान और स्थिति की जानकारी तुरंत उपलब्ध हो सकेगी। इसके अलावा मेला क्षेत्र में दुकानदारों को अपने नाम और पहचान पत्र दुकान के बाहर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा और विशेष मार्ग केवल कांवड़ियों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। उत्तराखंड शासन ने मेलाधिकारी को स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाओं और पेयजल की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी चिकित्सालयों को 24 घंटे आपातकालीन सेवाओं के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने एकमत से माना कि कांवड़ मेला धार्मिक आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ एक बड़ी सुरक्षा चुनौती भी है, जिसे केवल सामूहिक प्रयासों से सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है।

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