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Sawan 2025: ऑफिस छोड़ श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे Haridwar DM, जानिये क्या किया खास व्यवस्थाओं के बीच

श्रावण मास में कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में उमड़ रही श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कमर कस ली है। इस पूरी व्यवस्था की कमान खुद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने संभाल रखी है।
Sawan 2025: ऑफिस छोड़ श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे Haridwar DM, जानिये क्या किया खास व्यवस्थाओं के बीच

Haridwar: श्रावण मास में कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में उमड़ रही श्रद्धालुओं की अपार भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कमर कस ली है। इस पूरी व्यवस्था की कमान खुद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने संभाल रखी है। जिलाधिकारी दीक्षित दिन-रात स्वयं ग्राउंड जीरो पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं और हर छोटी-बड़ी जरूरत पर तुरंत निर्णय लेकर उसे अमल में ला रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में लाखों शिवभक्त पहुंचते हैं। इस बार भीड़ का आंकड़ा पिछले वर्षों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। ऐसे में साफ-सफाई, चिकित्सा, पेयजल, ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा जैसे अहम पहलुओं पर प्रशासन का विशेष फोकस है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बीते कुछ दिनों में कई बार कांवड़ मार्ग, अस्थायी शिविर, घाटों और प्रमुख शिवालयों का निरीक्षण किया है। वह जगह-जगह पेयजल व्यवस्था, शौचालय, मेडिकल कैम्प और पुलिस सहायता केन्द्रों की स्थिति को परखते नजर आ रहे हैं।

जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। साफ-सफाई में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए नगर निगम और स्वच्छता कर्मियों की टीमें चौबीसों घंटे तैनात हैं। सड़कों पर पानी के छिड़काव से धूल को नियंत्रित किया जा रहा है और कूड़े के उचित निस्तारण के लिए विशेष वाहन तैनात किए गए हैं।

भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के लिए जिलाधिकारी पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर लगातार रणनीति बना रहे हैं। जगह-जगह बैरिकेडिंग, ड्रॉप गेट और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। कांवड़ पटरी मार्ग पर पैदल यात्रियों के लिए अलग लेन बनाई गई है ताकि कोई हादसा न हो।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि श्रद्धालुओं की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। “हमारी कोशिश है कि हर कांवड़िया सुरक्षित, स्वस्थ और सुकून के साथ अपनी यात्रा पूरी करे,” उन्होंने कहा। उनकी जमीनी सक्रियता और संवेदनशील नेतृत्व से श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों में विश्वास का माहौल बना हुआ है।

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