Nainital: रामनगर स्थित स्वर्गीय रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय के अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को लेकर गुस्से का एक नया दौर शुरू हो गया है। अस्पताल में हो रही अव्यवस्थाओं को लेकर कई संगठनों के लोग एकजुट हुए और शुक्रवार को सीएमएस डॉ. वी के टम्टा का घेराव किया।
राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन हुआ। इन संगठनों का आरोप है कि अस्पताल में आ रहे मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं तक नहीं मिल पा रही हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर कमी
प्रभात ध्यानी ने आरोप लगाया कि रामनगर सरकारी अस्पताल में न तो मरीजों के अल्ट्रासाउंड और एक्सरे हो पा रहे हैं, और न ही दवाईयों की पर्याप्त आपूर्ति है। उन्होंने कहा कि इस वजह से मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है, जहां उन्हें महंगे इलाज का सामना करना पड़ता है। इससे भी गंभीर बात यह है कि कई गरीब और मजदूर इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।
रामनगर सरकारी अस्पताल की बदहाली को लेकर विभिन्न संगठनों ने सीएमएस डॉ. वीके टम्टा का घेराव किया। अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे की अनुपलब्धता को लेकर गहरा विरोध जताया गया। #Ramnagar #HealthcareCrisis #Protest pic.twitter.com/9kmS5iJfk1
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 17, 2025
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उन्होंने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी भी एक बड़ी समस्या है। जब किसी मरीज को इमरजेंसी इलाज की जरूरत होती है, तो डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण उनका इलाज समय पर नहीं हो पाता। इसके साथ ही ब्लड बैंक में भी शाम के समय ताला लगा रहता है, जिससे जरूरतमंदों को खून की उपलब्धता भी नहीं हो पाती है।
आंदोलनकारियों की चेतावनी
प्रभात ध्यानी ने कहा कि अगर जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे और उनके साथी चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल अस्पताल की हालत का नहीं, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य का है। उन्होंने स्थानीय विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के अलावा जिलाधिकारी को भी इस बारे में अवगत कराते हुए समाधान की मांग की है।
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सीएमएस डॉ. वीके टम्टा ने आरोपों को किया खारिज
वहीं, इस पूरे मामले पर सीएमएस डॉ. वीके टम्टा ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट पिछले महीने रिटायर हो गए थे, जिसके कारण अल्ट्रासाउंड की सुविधा फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
इसके अलावा, अस्पताल में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर भी नहीं हैं, लेकिन इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दे दी गई है, और जल्दी ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।