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Pithoragarh News: पूर्व आईजी बिमला गुंजियाल ने रचा इतिहास, गूंजी गांव की बनीं निर्विरोध ग्राम प्रधान

पिथौरागढ़ के गूंजी गांव में पूर्व आईजी बिमला गुंजियाल को निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना गया। ग्रामीणों की एकजुटता और उनके प्रशासनिक अनुभव ने लोकतंत्र की मिसाल कायम की।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Pithoragarh News: पूर्व आईजी बिमला गुंजियाल ने रचा इतिहास, गूंजी गांव की बनीं निर्विरोध ग्राम प्रधान

Pithoragarh: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच एक मिसाल कायम हुई है। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला ब्लॉक स्थित सीमांत ग्राम गूंजी में पूर्व पुलिस महानिदेशक (आईजी) बिमला गुंजियाल को निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना गया है। यह निर्णय न केवल ग्रामवासियों की एकजुटता का प्रमाण है, बल्कि लोकतंत्र और सामाजिक समरसता की नई सोच का परिचायक भी बन गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, गूंजी गांव चीन और नेपाल सीमा से सटा हुआ है, जो वर्षों से बुनियादी सुविधाओं और विकास के लिए जूझता रहा है। इसी पृष्ठभूमि में गांव की मूल निवासी और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बिमला गुंजियाल ने ग्राम सेवा की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने ग्राम प्रधान पद के लिए नामांकन किया, जिसके साथ चार अन्य प्रत्याशियों ने भी अपना पर्चा दाखिल किया था। लेकिन गांव के बुजुर्गों और युवाओं के बीच विचार-विमर्श के बाद सभी प्रत्याशियों ने सामूहिक सहमति से अपने नाम वापस ले लिए और नेतृत्व की जिम्मेदारी बिमला गुंजियाल को सौंप दी।

गांव में खुशी की लहर

वहीं बिमला गुंजियाल के चयन से गांव में खुशी और गर्व की लहर है। ग्रामीणों का मानना है कि उनके पास प्रशासनिक अनुभव, ईमानदारी और जनहित की भावना है, जो गांव के विकास के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। बिमला गुंजियाल ने सेवा काल में देश और समाज के लिए अपनी भूमिका निभाई, अब वे अपने गांव की सेवा को नया आयाम देने के लिए तत्पर हैं।

बिमला गुंजियाल ने निर्विरोध चुने जाने पर कहा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं अपने गांव के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगी। यहां की मूलभूत सुविधाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर प्राथमिकता से कार्य करूंगी।”

यह उदाहरण सिर्फ गूंजी गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे उत्तराखंड और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतंत्र की परिपक्वता और जागरूकता का संदेश भी देता है। यह घटना दर्शाती है कि अब ग्रामीण मतदाता अनुभव, ईमानदारी और सेवा भाव को प्राथमिकता देने लगे हैं। बिमला गुंजियाल का यह नया जनसेवक अवतार निश्चित रूप से सीमांत क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रेरणास्रोत बनेगा।

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