नैनीताल के तराई पूर्वी वन प्रभाग के घने जंगलों में गश्त करने वाले वनकर्मियों के लिए वन विभाग ने सुरक्षा के उपकरण मुहैया कराए है जो कारगर सिद्ध हो रहे हैं।

वनकर्मियों को मिले सुरक्षा के उपकरण
नैनीताल: हाथ में लकड़ी का डंडा लेकर घने जंगल में खुद की जान जोखिम में डालने वाले वन्यकर्मियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल जीवों, वनसंपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा करने वाले वनकर्मी अब गश्त के दौरान हाथ में इलेक्ट्रिक स्मार्ट स्ट्रीक के साथ-साथ बियर स्प्रे और हेड लाइट से लैस होंगे जो उनकी आत्म सुरक्षा में कारगर साबित होगा।
तराई पूर्वी वन प्रभाग डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया कि तराई के डिवीजन का जंगल काफी घना है जहां बड़ी संख्या में हिंसक वन्यजीव भी रहते हैं। कई बार देखा गया है कि वन कर्मियों के गस्त के दौरान हिंसक जानवर वन कर्मियों पर हमला करने की कोशिश करते हैं जिसके चलते कर्मचारियों को खतरा बना रहता है।
वनकर्मियों को मिले आत्मरक्षा के उपकरण
इसको देखते हुए वन विभाग ने पहली बार जंगलों की गश्ती दल को इलेक्ट्रिक स्मार्ट स्ट्रीक ,बियर स्प्रे के साथ-साथ एलईडी हेडलाइट उपलब्ध कराया है जिसके माध्यम से वनकर्मी जंगल में पेट्रोलिंग कर सकेंगें।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक स्मार्ट स्ट्रीक की खासियत है कि हिंसक वन्यजीव के हमले के दौरान वनकर्मी स्ट्रीक के करंट से उसको दूर भाग सकता है। इसके अलावा हमले के दौरान बियर स्प्रे का भी प्रयोग कर उसको भगा सकता है।
स्प्रे की खासियत है कि जंगली जानवर के अटैक के दौरान स्प्रे के दुर्गंध से जानवर दूर भाग जाएगा। इसके अलावा एलईडी हेडलाइट भी उपलब्ध कराई गई है जहां वन कर्मी गस्त के दौरान लाइट को अपने सर में लगाकर अपने दोनों हाथों को खाली रख सकता है जिससे कि गस्त के दौरान अन्य गतिविधियों पर नजर बनाई जा सके।
उन्होंने बताया की तराई का जंगल उत्तर प्रदेश की सीमा से लेकर नेपाल बार्डर तक से सटा हुआ है जिस वजह से गश्त व सुरक्षा को लेकर ज्यादा गंभीरता बरतनी पड़ती है।
आमतौर पर जंगल गश्त के दौरान हर वनकर्मी के पास हथियार नहीं होता है। लंबी व पैदल गश्त होने के कारण कंधे पर बंदूक टांगे रखने के कारण स्टाफ अक्सर थक भी जाता है।
वनकर्मियों की इस समस्या को देखते हुए वन कर्मियों को नई तकनीकियों से लैस किया जा रहा है। खास बात यह है कि इलेक्ट्रिक स्मार्ट स्ट्रीक से निकलने वाले करंट और स्प्रे से वन्यजीवों को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।