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उत्तराखंड में मानसून का कहर: भारी बारिश का अलर्ट जारी, पहाड़ी क्षेत्रों में तबाही

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में रविवार को भारी बारिश का अलर्ट है, जिसमें चमोली और थराली जैसे इलाकों में बादल फटने से जनहानि और संपत्ति का बड़ा नुकसान हुआ। राहत कार्य जारी है, लेकिन मौसम की तेवर अभी तक स्थिर नहीं हुए हैं।
Post Published By: Tanya Chand
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उत्तराखंड में मानसून का कहर: भारी बारिश का अलर्ट जारी, पहाड़ी क्षेत्रों में तबाही

Dehradun: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में रविवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, अन्य जिलों में बिजली चमकने के साथ तेज बारिश का येलो अलर्ट भी है। सोमवार को भी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में मौसम के तेवर तल्ख बने हुए हैं और 27 अगस्त तक इन क्षेत्रों में यही स्थिति बने रहने का अनुमान है।

थराली में तबाही

मानसून का मिजाज अब फिर से पहाड़ों के लिए चुनौती बन गया है। पहले राहत मिलने के बाद अब एक बार फिर मौसम ने अपनी पूरी ताकत दिखाई है। उत्तरकाशी के धराली के बाद अब चमोली जिले के थराली क्षेत्र में भी भारी तबाही मचाई है। थराली में शनिवार को बादल फटने से बाजार और आसपास के क्षेत्र पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। आसमानी आफत ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है। यहां की रातें अब डरावनी हो चुकी हैं, क्योंकि किसी भी समय मलबा और पानी की मार से कुछ भी तबाह हो सकता है।

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थरानी घटना की पूरी जानकारी

ॉशुक्रवार को बादल फटने से उफान पर आए गदेरे ने कई भवनों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया। इस हादसे में एक युवती मलबे के नीचे दब गई थी, जिसका शव बाद में बरामद कर लिया गया। साथ ही 20 लोग घायल हुए हैं। वहीं, थराली के चेफड़ों में गदेरे के उफान पर आने से कई दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। 80 वर्षीय एक व्यक्ति अपनी दुकान से सामान निकालने के लिए गए थे, लेकिन मलबे की चपेट में आकर लापता हो गए हैं। इसके अलावा नारायण बगड़ के जुडो गांव में भी बादल फटने से तीन आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचा है।

शनिवार को बारिश बनी आफत

शनिवार को पूरा दिन राहत एवं बचाव कार्य जारी था, लेकिन शाम होते ही आसमान में फिर से बादल घिर आए और मूसलधार बारिश शुरू हो गई। इससे नदी-नाले उफान पर आ गए, जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली।

वहीं, भागीरथी नदी के किनारे हर्षिल और धराली के बीच बनी झील ने प्रशासन और ग्रामीणों को चिंता में डाल रखा है। हालांकि, झील के खुलने के बाद कुछ राहत मिली है, लेकिन मौसम की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

देहरादून में बीते दिन का मौसम मिजाज

देहरादून में शनिवार को तड़के तेज बारिश हुई, लेकिन पूरे दिन धूप और बादलों की आंख मिचौली चलती रही। दोपहर में कहीं-कहीं झमाझम बारिश भी हुई, जिससे गर्मी से थोड़ी राहत मिली।

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मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए राहत की कोई संभावना नहीं जताई है और पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। बारिश के कारण प्रदेश में एक बार फिर आपदा का संकट गहरा गया है, और प्रशासन को नुकसान का आकलन करने तथा राहत कार्यों को तेज करने की जरूरत है।

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