हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में बनने जा रहे राजकीय मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर को लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध की आवाजें तेज हो गई हैं। रानीपुर विधायक आदेश चौहान और हरिद्वार की मेयर किरण जैसल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर स्पष्ट मांग की है कि मेडिकल कॉलेज को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में न देकर उसका संचालन राज्य सरकार स्वयं करे। इस मांग का समर्थन पूर्व कैबिनेट मंत्री और विधायक मदन कौशिक ने भी किया है।
नगर निगम ने कॉलेज के लिए निशुल्क भूमि भी उपलब्ध
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री आवास में आयोजित मुलाकात के दौरान विधायक आदेश चौहान ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने कॉलेज के लिए निशुल्क भूमि भी उपलब्ध कराई है। ऐसे में इसे पीपीपी मोड में देने की चर्चा स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच गंभीर चिंता का विषय बन रही है।
जनता की भावनाएं इस मुद्दे से गहराई से जुड़ी…
विधायक चौहान ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यदि कॉलेज पीपीपी मोड में दिया गया तो एमबीबीएस करने वाले उत्तराखंड के छात्रों को भारी-भरकम फीस का बोझ उठाना पड़ेगा। वहीं, आम जनता को भी महंगी स्वास्थ्य सेवाओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार की जनता की भावनाएं इस मुद्दे से गहराई से जुड़ी हैं और लोग चाहते हैं कि कॉलेज का संचालन पूरी तरह राज्य सरकार करे ताकि गरीब और मध्यमवर्गीय वर्ग भी किफायती इलाज और शिक्षा प्राप्त कर सके।
मेडिकल कॉलेज केवल जनता के हित में…
मेयर किरण जैसल ने भी इसी मांग को दोहराते हुए कहा कि नगर निगम ने जिस जमीन को निःशुल्क दिया है, वहां संचालित होने वाला मेडिकल कॉलेज केवल जनता के हित में काम करे। उन्होंने चेताया कि पीपीपी मोड लागू होने पर कॉलेज व्यावसायिक स्वरूप ले लेगा, जो इस क्षेत्र की मूल भावना और उद्देश्य के विपरीत होगा।
पीपीपी मोड में देने का कोई निर्णय नहीं…
मुख्यमंत्री धामी ने जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सरकार अभी तक मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड में देने का कोई निर्णय नहीं ले पाई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले पर स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों की भावनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और हर पहलू पर सकारात्मक विचार किया जाएगा। रानीपुर विधायक आदेश चौहान और मेयर किरण जैसल ने मुख्यमंत्री के इस आश्वासन पर उनका आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि मेडिकल कॉलेज का संचालन राज्य सरकार के अधीन रहकर ही आगे बढ़ेगा।