हरिद्वार में अर्ध कुंभ से पहले विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अर्ध कुंभ में व्यवस्थाओं और समान भागीदारी को लेकर साधू संत समाज में महा विवाद खड़ा हो गया है। अखाड़े और साधू समाज एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। इस बीच महंत गोपाल गिरी ने हरी गिरी पर कई आरोप लगा दिए। उन्होंने हरि गिरी पर भू-माफिया का आरोप लगाया है।

धर्मनगरी में मचा तूफान
Haridwar: उत्तराखंड के हरिद्वार में अर्ध कुंभ को लेकर तैयारियां चल रही हैं तो वहीं संत समाज में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामले में श्री महंत गोपाल गिरी ने हरी गिरी पर कई आरोप लगा दिए। उन्होंने हरि गिरी पर को भू-माफिया बताया और करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया है।
जानकारी के अनुसार जूना अखाड़ा पहले ही दो महामंडलेश्वरों—प्रबोधानंद गिरी और यतींद्रानंद गिरी को बाहर कर चुका है। और अब “कथित अखाड़ा परिषद” पर अपराध व भ्रष्टाचार के गंभीर सवाल लगे हैं।
हरिद्वार में अखाड़ा और साधू संतो की बैठक
गोपाल गिरी ने कहा कि कई महात्माओं पर मुकदमे दर्ज हैं लेकिन फिर भी खुद को अध्यक्ष-महामंत्री बनाए हुए। जो संत समाज की गरिमा के खिलाफ है। महंत गिरी ने हरि गिरी पर करीब 8 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हरी गिरी ने गृहमंत्री को 5 करोड़ देने की बात लिखित में कही है।
इस विवाद के बाद धर्मनगरी और संत समाज में तूफ़ान आ गया है। महंत गोपाल गिरी ने कहा कि सरकार का अखाड़ों में हस्तक्षेप धर्म-विरुद्ध है। ऐसे में सवाल उठता है कि अर्ध कुंभ 2027 कैसे सुरक्षित और सुचारु हो पाएगा?
बता दें कि हरिद्वार में अर्धकुंभ के आयोजन की तैयारियों को लेकर संतों की नाराजगी बरकरार है। भारत सेवाश्रम और आश्रम में रहने वाले साधु-संतों ने सरकार और अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अखिल भारतीय आश्रम परिषद’ के गठन की घोषणा की थी। उन्होंंने अर्धकुंभ में सभी साधू समाज की भागीदारी की मांग की है।
रविवार को भारत सेवाश्रम में आयोजित संत सम्मेलन में इस मुद्दे पर जोरदार आपत्ति जताई गई थी। बैठक में संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तर्ज पर ‘अखिल भारतीय आश्रम परिषद’ के गठन की घोषणा की, ताकि आश्रमों से जुड़े संतों की आवाज़ और समस्याएं सुनवाई में आ सकें।
महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा था कि कुंभ मेला केवल अखाड़ों का उत्सव नहीं, बल्कि पूरे संत समाज का पर्व है। आश्रमों के साधु-संत करोड़ों आने वाले भक्तों की सेवा संभालते हैं और उनके भी शिविर विशाल स्तर पर लगते हैं, इसलिए सरकार को सबको समान अधिकार देना चाहिए।