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Haridwar News: डायरिया और स्तनपान पखवाड़े का शुभारंभ, शिशु स्वास्थ्य को नई दिशा

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को डायरिया नियंत्रण एवं स्तनपान पखवाड़े का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान श्री नीरज चौहान ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। डॉक्टर आरती बहल ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि डायरिया बच्चों की मृत्यु का एक बड़ा कारण है।
Post Published By: Rohit Goyal
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Haridwar News: डायरिया और स्तनपान पखवाड़े का शुभारंभ, शिशु स्वास्थ्य को नई दिशा

Haridwar: हरिद्वार के बहादराबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को डायरिया नियंत्रण एवं स्तनपान पखवाड़े का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान श्री नीरज चौहान ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण समुदाय को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना समय की आवश्यकता है ताकि छोटे-छोटे प्रयासों से भी गंभीर बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सके।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉक्टर आरती बहल ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि डायरिया बच्चों की मृत्यु का एक बड़ा कारण है, जबकि थोड़ी सी सावधानी से इसे पूरी तरह रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, साफ-सफाई, सुरक्षित पेयजल और सही उपचार से डायरिया से बच्चों की जान बचाई जा सकती है। साथ ही उन्होंने उपस्थित आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।

डॉक्टर आरती बहल ने स्तनपान को शिशु जीवन का पहला अमृत बताते हुए कहा कि जन्म के तुरंत बाद पहला दूध बच्चे के लिए जीवन रक्षक होता है। उन्होंने कहा कि स्तनपान से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, कुपोषण और संक्रमण की संभावना घटती है और शिशु शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है। उन्होंने माताओं से अपील की कि वे अपने नवजात शिशु को जन्म के पहले घंटे में ही स्तनपान अवश्य कराएं।

कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विजय राज रमोला, परिवार नियोजन समन्वयक शबाना अंसारी, श्री अनुज गुप्ता, श्री रोहित कुमार, श्री राहुल कुमार, श्रीमती साक्षी, श्रीमती रीता रानी, श्रीमती राजेश प्रभा एवं समाजसेवी इरशाद अली समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने डायरिया मुक्त भारत और हर शिशु को स्तनपान का अधिकार सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।

समारोह में आशा कार्यकर्ताओं को डायरिया रोकथाम के उपाय, ओआरएस घोल का महत्व तथा साफ-सफाई के सही तरीके सिखाए गए। कार्यक्रम का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना और माताओं में स्तनपान को लेकर भ्रांतियां दूर कर जागरूकता फैलाना था। अंत में ग्राम प्रधान ने सभी को स्वास्थ्य संदेश जन-जन तक पहुंचाने का आग्रह किया।

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