Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण ने सरकार और प्रशासन को सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है। परीक्षा की विश्वसनीयता पर उठे सवालों के बीच अब सरकार ने विशेष अन्वेषण दल (SIT) का गठन कर दिया है, जो इस गंभीर मामले की पूरी जांच कर एक माह में रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।
SIT को सौंपी गई जिम्मेदारी
सरकार द्वारा गठित SIT को पेपर लीक से जुड़े सभी पहलुओं की निष्पक्ष और गहन जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह टीम परीक्षा केंद्र से पेपर बाहर कैसे गया, इसमें किसकी लापरवाही रही, और कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे इन सभी बिंदुओं पर जांच करेगी।
SIT की संरचना
SIT की अध्यक्षता देहरादून की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती जया बलूनी को सौंपी गई है। उनके साथ अन्य अनुभवी अधिकारी इस जांच टीम में शामिल किए गए हैं:
- अंकित कंडारी – क्षेत्राधिकारी, देहरादून
- लक्ष्मण सिंह नेगी – निरीक्षक, स्थानीय अभिसूचना इकाई (LIU), देहरादून
- गिरीश नेगी – उप निरीक्षक / थानाध्यक्ष, रायपुर, देहरादून
- राजेश ध्यानी – उप निरीक्षक, साइबर पुलिस स्टेशन, देहरादून
यह टीम विभिन्न तकनीकी और जमीनी स्तर पर जांच करते हुए मामले की गहराई से पड़ताल करेगी।
एक माह में सौंपनी होगी रिपोर्ट
SIT को निर्देश दिए गए हैं कि वह एक माह के भीतर अपनी जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपे। इसमें शामिल हर व्यक्ति की भूमिका, लापरवाही और संभावित साजिश के पहलुओं का विश्लेषण किया जाएगा। इससे जुड़े डिजिटल सबूत, परीक्षा केंद्र की CCTV फुटेज, मोबाइल रिकॉर्ड आदि की भी जांच की जाएगी।
उत्तराखंड में पेपर लीक जैसी गंभीर घटना पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच प्रक्रिया तेज कर दी है। SIT की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच से उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी।

