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Deharadun: बेसुध हालत में सड़क किनारे मिली महिला, ऐसे पहुंची घर

राजधानी देहरादून में शनिवार को मानवीय संवेदनाओं और प्रशासनिक सतर्कता से जुड़ी एक खबर सामने आयी है। इस घटना ने एक ओर जहां प्रशासन की सजगता को उजागर किया, वहीं दूसरी ओर आमजन में भी भरोसे का संदेश दिया।
Post Published By: Jay Chauhan
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Deharadun: बेसुध हालत में सड़क किनारे मिली महिला, ऐसे पहुंची घर

Dehradun: राजधानी देहरादून में शनिवार को मानवीय संवेदनाओं और प्रशासनिक सतर्कता की मिसाल उस समय देखने को मिली, जब सड़क किनारे बेसुध हालत में पड़ी एक महिला को जिला प्रशासन, आपदा कंट्रोल टीम और पुलिस की तत्परता से सुरक्षित उनके घर पहुंचा दिया गया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मामला रिंग रोड रायपुर का है।

जानकारी के अनुसार अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह वहां से गुजर रहे थे, तभी उनकी नजर सड़क किनारे बेसुध पड़ी एक महिला पर पड़ी। स्थिति को गंभीर मानते हुए उन्होंने तुरंत जिला आपदा कंट्रोल रूम को सूचना दी और मौके पर सहायता भेजने के निर्देश दिए।

सूचना मिलते ही आपदा कंट्रोल रूम की टीम रवाना हुई। इस टीम में एक होमगार्ड, दो महिला कर्मचारी और स्थानीय पुलिस शामिल रही।

टीम ने मौके पर पहुंचकर महिला को प्राथमिक मदद प्रदान की और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उसे घर तक पहुंचाया।

पूछताछ के दौरान महिला की पहचान सरिता भट्ट, पत्नी स्वर्गीय विमल कुमार भट्ट, निवासी गढ़वाली कॉलोनी, के रूप में हुई। उनकी उम्र 48 वर्ष बताई गई।

महिला की बेटी ने बतायी ये बात

घर पहुंचने पर महिला की बेटी ने जानकारी दी कि पिता के निधन के बाद से उनकी माता मानसिक रूप से अस्वस्थ चल रही हैं। इसी कारण वह कई बार रास्ता भूलकर भटक जाती हैं। बेटी ने प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि समय पर सहायता न मिलती तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।

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इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और मानवीय संवेदनशीलता साफ झलकी। अपर जिलाधिकारी की सजगता और आपदा कंट्रोल टीम व पुलिस की सक्रियता से यह संभव हो सका कि महिला सुरक्षित घर लौट सकीं।

स्थानीय लोगों ने की सराहना

स्थानीय लोगों ने भी इस कदम की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की घटनाएं प्रशासन और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करती हैं। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि यदि अधिकारी और टीमें तत्परता से कार्य करें तो न केवल बड़ी आपदाओं में, बल्कि व्यक्तिगत जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी लोगों को राहत दी जा सकती है।

देहरादून में इस मानवीय पहल की चर्चा अब जोर-शोर से हो रही है और लोग इसे प्रशासन की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण मान रहे हैं।

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इस घटना ने एक ओर जहां प्रशासन की सजगता को उजागर किया, वहीं दूसरी ओर आमजन में भी भरोसे का संदेश दिया

 

 

 

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