नए साल 2026 में योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार संभव है। 2027 विधानसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरण और संगठनात्मक संतुलन साधने के लिए बीजेपी नए मंत्रियों और बड़े बदलावों की रणनीति पर काम कर रही है।

यूपी की राजनीति में नए साल, नई रणनीति (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए साल 2026 की शुरुआत बड़े बदलावों के संकेत दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। इसी कड़ी में योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार को लेकर हलचल तेज हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार 30 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर बीजेपी कोर कमेटी की अहम बैठक हुई। इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ संगठन में बदलाव और पुनर्गठन को लेकर गहन चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता खुद सीएम योगी ने की और यह करीब डेढ़ घंटे तक चली।
इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्र प्रचारक अनिल (पूर्वी) और महेंद्र कुमार (पश्चिमी) भी मौजूद रहे। RSS के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी से यह साफ संकेत मिलता है कि पार्टी संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाकर आगे की रणनीति तय की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। जैसे ही केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलेगी, जनवरी 2026 में कभी भी योगी कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है। रणनीति यह है कि पहले सरकार में नए चेहरों को शामिल किया जाए और उसके बाद संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल किया जाए।
बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरणों को साधने पर विशेष जोर दिया गया। बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन विधायकों को मंत्री बनाए जाने पर चर्चा हुई है। संभावित नामों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का नाम भी सामने आ रहा है। भूपेंद्र चौधरी इससे पहले पंचायती राज मंत्री रह चुके हैं और संगठनात्मक अनुभव को देखते हुए उन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
इसके अलावा कुछ नए और क्षेत्रीय संतुलन साधने वाले चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने पर मंथन चल रहा है। पार्टी नेतृत्व का फोकस यह सुनिश्चित करने पर है कि सरकार और संगठन दोनों आगामी चुनाव से पहले पूरी तरह संतुलित और मजबूत नजर आएं।
बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी देर रात दिल्ली रवाना हो गए, जबकि कोर कमेटी से जुड़े अन्य वरिष्ठ नेता भी 31 दिसंबर को दिल्ली जाने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ इस मुद्दे पर अंतिम चर्चा होगी।
बैठक में सिर्फ कैबिनेट विस्तार ही नहीं, बल्कि 2026 में आयोजित होने वाले बड़े कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, फरवरी 2026 तक पूरे उत्तर प्रदेश में ‘विराट हिंदू सम्मेलन’ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन सम्मेलनों का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना और सामाजिक संवाद को मजबूत करना बताया जा रहा है। लखनऊ में एक बड़े ‘विशाल हिंदू सम्मेलन’ की भी योजना बनाई जा रही है।
कुल मिलाकर, नए साल 2026 में योगी सरकार और बीजेपी संगठन दोनों के लिए बड़े बदलावों का रास्ता साफ होता दिख रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर संगठनात्मक पुनर्गठन तक, आने वाले हफ्ते उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिहाज से काफी अहम माने जा रहे हैं।