वोटर लिस्ट से गायब सपा MLC सहित पूरे परिवार का नाम, निर्वाचन कार्यालय में हंगामा, कड़ी कार्रवाई की मांग

सपा MLC आशुतोष सिन्हा ने आरोप लगाया है कि स्नातक मतदाता सूची से उनका और उनके परिवार का नाम हटा दिया गया है। शिकायत के बाद सपा का प्रतिनिधिमंडल जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचा और इसकी जांच की मांग की।

Post Published By: ईशा त्यागी
Updated : 6 December 2025, 2:58 PM IST

Varanasi: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया इन दिनों पूरे प्रदेश में तेजी से चल रही है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि स्नातक एमएलसी मतदाता सूची से उनका नाम और उनके पूरे परिवार का नाम गायब कर दिया गया है। इस आरोप के बाद वाराणसी जिला निर्वाचन कार्यालय में शुक्रवार को सपा प्रतिनिधिमंडल पहुंचा और पूरे मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की।

सपा MLC का गंभीर आरोप- मेरा और परिवार का नाम गायब

3 दिसंबर को नई मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था। इसके बाद जब सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने सूची का अवलोकन किया, तो उन्हें पता चला कि उनका नाम ही सूची से हटा दिया गया है। इतना ही नहीं, उनके परिवार के सदस्यों के नाम भी voter list से नदारद हैं।

एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य त्रुटि नहीं है, बल्कि व्यवस्थित रूप से की गई चूक है। उन्होंने कहा- 'मैंने हजारों फॉर्म जमा करवाए हैं और हर एक की रिसीविंग मेरे पास मौजूद है। लेकिन विडंबना यह है कि मेरा और मेरे परिवार का ही नाम सूची से गायब कर दिया गया।'

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सिन्हा का कहना है कि यह विभागीय स्तर पर गंभीर लापरवाही है या फिर किसी साजिश का हिस्सा। उन्होंने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब विपक्ष ने SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले भी कई विपक्षी दलों ने निर्वाचन विभाग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है।

सपा प्रतिनिधिमंडल पहुंचा जिला निर्वाचन कार्यालय

एमएलसी के आरोपों के बाद समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल वाराणसी के जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचा। टीम में सपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने अपने पक्ष को अधिकारियों के सामने रखा और स्पष्ट कहा कि यह केवल लापरवाही का मामला नहीं लगता बल्कि किसी उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई की तरह प्रतीत होता है।

सपा नेताओं ने जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर तत्काल जाँच शुरू करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि अगर एक एमएलसी और उसके परिवार का नाम सूची से गायब हो सकता है, तो आम मतदाताओं का क्या होगा?

एमएलसी बोले- रिसीविंग मेरे पास, फिर नाम कैसे गायब?

आशुतोष सिन्हा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में उनके कार्यालय द्वारा हजारों फॉर्म स्नातक एमएलसी मतदाता सूची के लिए जमा किए गए। सभी फॉर्म के रिसीविंग रसीदें भी उनके पास मौजूद हैं। इसके बावजूद सूची में इतने बड़े स्तर पर नामों का गायब होना विभागीय सिस्टम को कटघरे में खड़ा करता है।

उन्होंने कहा- 'हमारे पास एक-एक व्यक्ति की रिसीविंग है, हमने प्रक्रिया का पूरा पालन किया। फिर मेरा ही नाम हट जाना समझ से परे है। यह केवल गलती नहीं हो सकती।'

उन्होंने निर्वाचन आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यदि ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया पर लोगों का भरोसा टूट सकता है।

SIR प्रक्रिया पर पहले भी उठे थे सवाल

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया (SIR) का उद्देश्य मतदाताओं की सूची को अद्यतन करना, त्रुटियाँ दूर करना और नए वोटर्स को शामिल करना होता है। हालांकि विपक्ष ने कई बार आरोप लगाया है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से नहीं चल रही।

विपक्षी दलों का यह भी कहना है कि कई क्षेत्रों में वोटर लिस्ट से नाम गायब होने और गलत तरीके से हटाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। अब सपा एमएलसी का नाम हटना इन आरोपों को और मजबूत करता दिखाई दे रहा है।

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क्या कहता है निर्वाचन विभाग?

हालांकि इस मामले में जिला निर्वाचन विभाग की ओर से अभी आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक मामले की जाँच की तैयारी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का मानना है कि यह तकनीकी त्रुटि भी हो सकती है, लेकिन इतने बड़े स्तर पर नामों का हटना सामान्य बात नहीं है।

Location : 
  • Varanasi

Published : 
  • 6 December 2025, 2:58 PM IST